चीनी और पाक सैनिकों की POK में गश्त
बीजिंग। चीन और पाकिस्तान के सीमा सैनिकों ने पहली बार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और शिन्जियांग प्रांत की सीमा पर संयुक्त गश्त की है। यह गश्त इन खबरों के बीच हुई है कि 100 से अधिक उइगर आईएसआईएस में शामिल होने के लिए इस अशांत क्षेत्र से भाग गए हैं। विदित हो कि शिन्जियांग प्रांत पाकिस्तान से लगा ऐसा इलाका है जहां उइगर मुस्लिम रहते हैं और उनका लगाव चीन की हान आबादी की बजाय पाकिस्तान और मध्यपूर्व के देशों से है।
चीन के मुस्लिम बहुल इस इलाके में अशांति भी समय-समय पर फैलती रही है लेकिन चीन की सरकार और मीडिया इन्हें दबा देता है। लेकिन फिर भी उइगर मुस्लिम पाकिस्तान ही नहीं वरन अफगानिस्तान तक पहुंच जाते हैं। इन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए चीन की सरकार पाक फौजों की मदद लेने को बाध्य हो रही है। चीन के सरकारी मीडिया ने संयुक्त गश्त के बारे में जानकारी दी और कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपींग ने चीन के मुस्लिमों से कहा है कि वे अपने धर्म का पालन चीन के समाज एवं निर्देशों के ही तहत करें।
पिछले दिनों पीपुल्स डेली आनलाइन ने करीब दर्जन भर तस्वीरें प्रकाशित की थीं जिसका शीर्षक था शिन्जियांग प्रांत में पाकिस्तान की सीमा पुलिस बल के साथ पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की सीमांत रक्षा रेजीमेंट ने चीन-पाकिस्तान सीमा पर एक संयुक्त गश्त की। तस्वीरों में दिखाया गया है कि दोनों ओर से सशस्त्र सैनिक कई क्षेत्रों में पैदल गश्त कर रहे हैं।
ऐसा पहली बार हुआ है जब चीन-पाकिस्तान ने हाल के वर्षों में संयुक्त गश्त की है। हालांकि चीन के सैनिक क्षेत्र में 2014 से ही गश्त कर रहे हैं। यद्यपि इस संयुक्त गश्त और इस बारे में जानकारी देने वाला कोई आलेख नहीं आया है कि दोनों देश इसे शुरू करने के क्यों प्रेरित हुए लेकिन यह ऐसे समय आया है जब यह खबर आई है कि 100 से अधिक उइगर मुस्लिम आईएसआईएस में शामिल होने के लिए शिन्जियांग से निकल गए हैं।
द न्यू अमेरिका फाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ए लोग, मुस्लिम प्रथाओं को प्रतिबंधित करने या उन पर सख्त नियंत्रण के चलते आईएसआईएस में शामिल हुए हैं। इन प्रतिबंधों में दाढ़ी बढ़ाने और रमजान के दौरान रोजों पर रोक शामिल है।