मिशन विफल होने के बाद न्यू मैक्सिको में उतरा Boeing Starliner
वॉशिंगटन। बोइंग (Boeing) का नया मानवरहित अंतरिक्षयान 'स्टारलाइनर' (Starliner) घड़ी में खराबी के कारण निर्धारित समय से 6 दिन पहले ही यानी रविवार को धरती पर लौट आया। घड़ी में खराबी की वजह से यह यान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र से नहीं जुड़ पाया। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की ओर से प्रसारित तस्वीर के मुताबिक, यान अंधेरे में सुरक्षित उतरा।
इससे पहले 3 पैराशूट की मदद से यान की गति कम की गई और एयरबैग भी योजना के तहत खुले। स्टारलाइनर के इस अंतरिक्षयान को शुक्रवार को फ्लोरिडा के केप केनेवरल से प्रक्षेपित किया गया था लेकिन अपने एटलस वी प्रक्षेपण रॉकेट से अलग होने के कुछ ही देर बाद इसके प्रक्षेपक योजना के मुताबिक सक्रिय नहीं कर पाए जिससे वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) तक पहुंचने के लिए ऊंची कक्षा तक नहीं जा पाया।
आईएसएस समुद्र तल से करीब 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित पृथ्वी की कक्षा में चक्कर काट रहा है जबकि यान 250 किलोमीटर की ऊंचाई तक ही पहुंच पाया। हालांकि करीब 50 घंटे के मिशन में स्टारलाइनर ने 33 बार पृथ्वी की परिक्रमा की। स्टारलाइनर में केवल छद्म यात्री थे जिसका मतलब है कि मानवयुक्त मिशन से पहले यह ड्रेस रिहर्सल था।
वैज्ञानिकों ने गणना में पाया कि यान का प्रणोदक कई मिनट अधिक समय तक प्रज्वलित रहा जिसके बाद बोइंग और नासा को निर्धारित मिशन पूरा किए बिना धरती पर वापस उतरने का निर्देश देना पड़ा। बोइंग के अंतरिक्ष एवं प्रक्षेपण विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जिम चिल्टन ने बताया, हमने घड़ी को गलत समय पर शुरू किया। स्टारलाइनर की यह विफलता बोइंग के लिए एक और झटका है जो अपने 737 मैक्स विमानों के 2 घातक हादसों से अब तक नहीं उबर पाया है।
ये हादसे अक्टूबर 2018 में इंडोनेशिया और मार्च 2019 में इथियोपिया में हुए थे, जिनमें कुल 346 लोगों की मौत हुई थी। बोइंग जनवरी से 737 मैक्स विमान के उत्पादन को स्थगित करने की योजना बना रहा है। नासा प्रशासक जिम ब्रिडेनस्टीन ने जोर देकर कहा कि यह मिशन पूरी तरह से असफल नहीं है। उन्होंने कहा, नासा और बोइंग की टीम मिलकर विभिन्न लक्ष्यों पर परीक्षण कर रही जितना हम कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि स्टारलाइनर आईएसएस से संचार संपर्क स्थापित करने में कामयाब हुआ और अंतरिक्ष में स्थापित होने का परीक्षण किया। इनके अलावा सौर पैनल, बैटरी, प्रक्षेपक और ऊष्मा नियामक प्रणाली का परीक्षण भी किया गया। चिल्टन ने कहा कि यान बेहतरीन अवस्था में है। स्टारलाइनर ध्वनि की गति से करीब 25 गुना अधिक गति से वायुमंडल में दाखिल हुआ और इससे पैदा होने वाले घर्षण से उत्पन्न ऊष्मा से बचने के लिए लगाए गए प्रतिरोधी कवच ने बेहतर काम किया।
उन्होंने बताया कि नवंबर में हुए परीक्षण में 3 में से 2 ही पैराशूट खुले थे, हालांकि वे यान को उतारने के लिए पर्याप्त साबित हुए। चिल्टन ने इससे पहले कहा था, यान का प्रवेश, अवरोहण और उतरना कमजोर दिलवालों के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि नासा यह फैसला करेगा कि और परीक्षण की जरूरत है या वह मौजूदा परीक्षण पर भरोसा करेगा और निर्धारित करेगा कि यान अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए सुरक्षित है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 के पूर्वार्द्ध में स्टारलाइनर के जरिए अंतरिक्ष में यात्रियों को भेजने का लक्ष्य है। नासा द्वारा 2011 में आखिरी मानव मिशन भेजने के बाद इसका बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। नासा के लिए एक अन्य अंतरिक्ष यान क्रू ड्रैगन स्पेस एक्स कॉरपोरेशन विकसित कर रहा है और उसके अगले साल तैयार होने की उम्मीद है। नासा ने बोइंग और स्पेसएक्स को 8 अरब डॉलर का भुगतान करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके बदले में वे वर्ष 2024 तक 4-4 अंतरिक्ष यात्रियों के लिए 6 यात्राओं की व्यवस्था करेंगे।
फोटो सौजन्य : टि्वटर