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Last Modified: बुधवार, 23 दिसंबर 2020 (07:31 IST)

नेपाल में सियासी बवाल, केपी शर्मा ओली को लगा बड़ा झटका

नेपाल में सियासी बवाल, केपी शर्मा ओली को लगा बड़ा झटका - Big Jolt to KP Sharma Oli in Nepal
काठमांडू।  नेपाल में मंगलवार को पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' नीत खेमे ने केंद्रीय समिति की बैठक के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) के अध्यक्ष पद से हटाने और पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की घोषणा की।
इससे पहले, ओली ने संगठन पर अपनी पकड़ को मजबूत करने के उद्देश्य से मंगलवार को पार्टी की आम सभा के आयोजन के लिए 1199 सदस्यीय नई समिति का गठन किया था।
 
वहीं, प्रचंड की अगुवाई वाले खेमे ने भी काठमांडू में अलग से केंद्रीय समिति की बैठक की। इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल एवं झालानाथ खनल के अलावा पूर्व कृषि मंत्री घनश्याम भुशाल समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
माधव कुमार नेपाल बने अध्यक्ष : प्रचंड नीत खेमे ने केंद्रीय समिति की बैठक में वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल को सर्वसम्मति से पार्टी का दूसरा अध्यक्ष नियुक्त किया। प्रचंड पार्टी के पहले अध्यक्ष हैं। बैठक में पार्टी की केंद्रीय समिति के करीब दो-तिहाई सदस्य मौजूद रहे।
 
केंद्रीय समिति की सदस्य रेखा शर्मा ने कहा कि पार्टी के नियमानुसार अब प्रचंड और नेपाल बारी-बारी से बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।
 
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट में शर्मा के हवाले से कहा गया कि पार्टी के खिलाफ जाने के चलते ओली को पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। रिपोर्ट में पार्टी नेताओं के हवाले से कहा गया कि प्रचंड को बुधवार को संसदीय दल का नेता चुना जाएगा।
 
संसद बहाल करने की मांग : प्रचंड के नेतृत्व वाले खेमे ने भंग की गई संसद को बहाल करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक अलग याचिका दायर करने का फैसला किया है। अदालत में पहले ही इस मांग को लेकर कई याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं।
 
एनसीपी की केंद्रीय समिति के सदस्य सुनिल मनंधर ने कहा कि पार्टी अन्य प्रमुख दलों के साथ मिलकर देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन रैलियों का आयोजन करेगी।
 
ओली ने बनाई नई समि‍ति : इससे पहले दिन में, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने टूट की ओर बढ़ रही सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी पर अपनी पकड़ को मजबूत करने के उद्देश्य से मंगलवार को पार्टी की आम सभा के आयोजन के लिए 1199 सदस्यीय नई समिति का गठन किया।
 
सत्तारूढ़ दल के दो प्रमुखों में से एक ओली ने अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी की केंद्रीय समिति के अपने करीबी सदस्यों के साथ बैठक के दौरान नई समिति की घोषणा की। ओली खेमे की बैठक में नारायण काजी श्रेष्ठ को पार्टी प्रवक्ता के पद से हटाने का भी निर्णय लिया गया।
 
केंद्रीय समिति के सदस्य बिनोद श्रेष्ठ ने कहा कि स्थायी समिति के सदस्य एवं विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली को पार्टी का नया प्रवक्ता नियुक्त किया गया है।
 
ओली ने क्यों की थी संसद भंग करने की सिफारिश : ओली ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को आश्चर्यचकित करते हुए रविवार को राष्ट्रपति से संसद भंग करने की सिफारिश कर दी और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई। ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के खेमों के बीच सत्ता के लिए लंबे समय से चल रहे संघर्ष के बीच यह कदम उठाया गया।
 
सत्तारूढ़ दल एनसीपी इसके गठन के करीब दो साल बाद टूट की तरफ बढ़ रहा है। मई 2018 में ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन-यूएमएल और प्रचंड के नेतृत्व वाले सीपीएन (माओवादी) का विलय हुआ था। दोनों ही खेमों ने पार्टी की मान्यता एवं चुनाव चिन्ह को अपने पास रखने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। (भाषा)