युद्धग्रस्त क्षेत्रों में मानव तस्करी बड़ी समस्या
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के निवृत्तमान महासचिव बान की मून ने सभी देशों का आह्वान कर कहा है कि वह मानव तस्करी के मामलों की जांच करें और उन पर अभियोग चलाएं। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे लोगों में सर्वाधिक संवेदनशील और पीड़ित महिलाएं, बच्चे और शरणार्थी हैं।
युद्धग्रस्त क्षेत्रों में मानव तस्करी पर खुली चर्चा में 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए बान ने कहा कि इस्लामिक स्टेट से लेकर बोको हरम और अल शबाब जैसे कट्टरपंथी समूह मानव तस्करी करते हैं, खासतौर पर महिलाओं और लड़कियों की और उनका इस्तेमाल आतंक के हथियार के रूप में तथा धन कमाने के स्रोत के रूप में करते हैं।
बान ने कहा कि पीड़ितों की खातिर हमें मानव तस्करी से लड़ना होगा। जब हम ऐसा करेंगे तो आतंकियों तक पहुंचने वाले धन मे कमी आएगी और हर कोई सुरक्षित भी होगा। संरा प्रमुख के तौर पर बान का कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है।
जिस दिन बान ने परिषद के सदस्यों को संबोधित किया उसी दिन संरा सुरक्षा परिषद ने युद्धग्रस्त क्षेत्रों में मानव तस्करी पर पहले प्रस्ताव के मसौदे को सर्वसम्मति से मंजूरी दी थी।
यह प्रस्ताव मानव तस्करी की समस्या से निबटने की संरा की क्षमता और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की इस पर प्रतिक्रिया को मजबूत करने से संबंधित है। (भाषा)