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अरब के अय्याश शेखों की कहानियां...

अरब के अय्याश शेखों की कहानियां... - Arab sheikhs stories
दुबई के शासक शेख मोहम्मद के सबसे बड़े बेटे शेख राशिद की मौत ने अरब देशों के शाही घरानों के रसिकों की बेहद खर्चीली पार्टियों के पीछे पागल धनकुबेरों की जीवन शैली पर से हल्का सा पर्दा हटाया है। डेली बीस्ट ने पिछले दिनों खबर दी थी कि एक सऊदी राजकुमार 28 वर्षीय माजेद अब्दुलअजीज अल सऊद को बेवरली हिल्स के एक कम्पाउंड में पांच महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाते देखा गया था। स्थानीय पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।    
इस घटना से पहले कथित तौर पर एक और कामुकतापूर्ण जीवन का अंत हो गया था। पिछले दिनों दुबई में शेख राशिद की आधिकारिक तौर पर शोक की अवधि समाप्त हो गई। दुबई के शासक का यह सबसे बड़ा बेटा अपनी रंगीन मिजाजी, सेक्स और शराबखोरी के लिए कुख्यात था। सरकारी सूचना में दर्ज किया गया कि 19 सितंबर को राशिद का 33 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
 
तेल भंडार से समृद्ध अमीरात के शाही परिवार की उम्मीद रही होगी कि शोक अवधि के बीत जाने के बाद सभी बातों पर पर्दा गिर जाएगा। वर्षों तक इस तरह की अफवाह चलती रही कि ग्लैमरस और सुंदर युवराज एक बेपनाह शानोशौकत की जिंदगी जीने के आदी थे। उनकी चमकदार जीवन शैली में रेसहॉर्सेज, तेज रफ्तार वाली कारें और सुंदर औरतों तो शामिल थीं ही लेकिन वे निरंतर मादक पदार्थों का सेवन करते थे और एक सेक्स एडिक्ट भी थे। संयुक्त अरब अमीरात में युवराज की मौत को सरकारी शोक संवेदनाओं में एक महान संत सा जीवन जीने वाला बताया गया।   
 
जबकि पश्चिमी देशों में राशिद की मौत ने अरब के कामुक शेखों की रहस्यमय दुनिया पर थोड़ी सी रोशनी डाली है। ये अरबी रसिक मध्य पूर्व की भीषण गर्मी से बचने के लिए प्रत्येक वर्ष की गर्मियों में पश्चिमी देशों में आते हैं और पश्चिमी देशों की कामुकता, व्यभिचार भरे जीवन पर बेशुमार दौलत लुटाते हैं। 
पढ़िए अगले पेज पर... इस शेख का कारनामा, पांच महिलाओं से बनाए यौन संबंध....
 
 
 

इस कारण से पिछले दिनों में कुछ अरब राजकुमारों के कथित व्यवहार पर फिर एक बार रोशनी पड़ी जब माजेद अब्दुल अजीज अल सउद ने कथित तौर पर एक कर्मचारी के साथ ओरल सेक्स करने का प्रयास किया, जबकि इससे पहले पांच महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाने का समाचार भी आया था।
 
उल्लेखनीय है कि इससे कुछेक सप्ताहों पहले कतर के शाही घराने से संबंधित शेख खालिद बिन हमाद अल-थानी अमेरिका से भाग खड़े हुए थे और इससे पहले उन पर लॉस एंजिल्स की सड़कों पर मादक पदार्थों के नशे में अपनी पीले रंग की फेरारी दौड़ाने का आरोप लगा था। तब वे बेवरली विलशायर होटल में ठहरे हुए थे।
 
लंदन के लोग इस तरह की मूर्खताओं के आदी हो चुके हैं। वहां भी प्रतिवर्ष गर्मियों में खाड़ी देशों के अरबपतियों का आगमन होता है और यहां वे खासी चमक दमक वाली कस्टमाइज्ड लक्जरी कारों की लाइन लगाकर नामी होटलों के सामने खडी कर देते हैं। 
 
कोई सोने की प्लेटेट रेंज रोवर के साथ आता है और अन्य किसी अन्य खासियत वाली गाड़ी के साथ जिन्हें डॉर्केस्टर होटल, क्लेरिजेस और हैरोड्‍स के सामने पार्क करते हैं। 
 
ये लोग कतर, सऊदी अरब, यूएई और कुवैत से अपने कीमती वाहनों को लंदन लाते हैं और इस पर करीब तीस हजार डॉलर तक खर्च करते हैं। वास्तव में, कतर एयरवेज तो अपने सारे जेट विमानों को गर्मियों में मध्य पूर्व से कारों को ले जाने और वापस लाने के लिए किराए पर दे देता है।  
तेल की दौलत को पानी की तरह लुटाते हैं... पढ़ें अगले पेज पर....
 
 

लंदन स्थित एक उच्चकुलीन सामंत का कहना है, 'यह पूरी तरह से विचित्र है कि जुलाई में आप क्लेरिजेस में चाय के लिए एक टेबल बुक करवा सकते हैं लेकिन यह पूरी तरह से अरब लोगों से भरी होती है। अक्सर ही मैं वहां अकेला अंग्रेज दिखाई देता हूं।'
 
अपने अरब ग्राहकों के लिए यूरोप से कारों को अस्थायी तौर पर मंगाने में विशेषज्ञ एक दलाल डैनियल हालवर्थ का कहना है कि लंदन में प्रति वर्ष आने वाले ये प्लेबॉय प्रति वर्ष गर्मियों में आते हैं। अत्यधिक सम्पन्न होने के कारण वे अपनी अमीरी का प्रदर्शन करने से भी बाज नहीं आते। उसका कहना है कि ये लोग ज्यादातर समय पर एक शब्द में जवाब देते हैं, लेकिन वे अपना नाम किसी को भी बताना पसंद नहीं करते।  
 
इन लोगों की उम्र 21 वर्ष से 25 के बीच होती है और उनके घरों में तेल की बेशुमार दौलत शामिल होती है। वे लंदन में मौजमस्ती के लिए आते हैं क्योंकि उनके देश में जीवन बहुत नीरस और उबाऊ है। वे दुनिया में घूमने के आदी नहीं होते हैं और इस कारण से विचित्र काम करते हैं। वे यहां गर्मियां निकालने के लिए आते हैं और बाद में घर लौटकर शादियां करने में व्यस्त हो जाते हैं।   
 
इन पर नजर रखने वाले पूछते हैं कि वे कारों को हीथ्रो पर लाते हैं और इन्हें अस्थायी तौर पर आयात करते हैं। वे आमतौर पर लंदन में जुलाई में आते हैं और वे कितने समय इंग्लैंड में रहते हैं, यह बात मौसम पर निर्भर करती है। अगर पानी बहुत बरस रहा होता है तो वे बोर हो जाते हैं और दो हफ्तों के बाद ही दक्षिणी फ्रांस की ओर चले जाते हैं।     
 
हालवर्थ का कहना है कि इन अय्याश लोगों को संतुष्ट करना बहुत मुश्किल होता है, वे जो कुछ भी चाहते हैं, उसे तुरंत होना चाहिए, दूसरे दिन तक रुकने का कोई अर्थ नहीं है। ज्यादातर इनवेस्टमेंट प्रॉपर्टीज में ठहरते हैं जो कि उन्हीं की होती हैं या फिर वे बड़े और महंगे होटलों में सुइट्‍स बुक कराकर रखते हैं। इनके लिए डॉर्केस्टर बहुत लोकप्रिय है क्योंकि इस होटल के सामने एक कार पार्क है। 
 
वे वास्तव में ज्यादातर आश्रय लेने आते हैं। हालांकि इनमें से ज्यादातर वास्तव में पागलपन से पीड़ित नहीं होते हैं लेकिन वे बहुत ही एकांतवासी होते हैं। वे नहीं चाहते हैं कि कोई उन्हें जाने या वे क्या कर रहे हैं। वे इस बात से खुश होते हैं कि लोग उनकी कारों को देखते हैं लेकिन वे किसी को भी अपना नाम नहीं बताना पसंद करते हैं। इन अय्याश लोगों को लेकर कभी-कभी आम लोगों को झुंझलाहट होती है। आमतौर पर एक नरमी से पेश आने वाले पेंशनर को एक दिन कोर्ट में आप‍राधिक नुकसान करने का दोषी ठहराया गया था क्योंकि उसने एक सुपर कार में चाभी लगाने का अपराध किया था।  
इनकी महिलाएं भी कम नहीं हैं... पढ़ें अगले पेज पर...
 
 

यह कार स्लोन स्ट्रीट पर एक छोर से दूसरी छोर पर दौड़ रही थी। मध्य लंदन, इसलिंगटन के जॉन मैकगोवन ने कोर्ट को बताया, 'जब मैं स्लोन स्ट्रीट पर आया तो मुझे सड़क पर कारों के अंधाधुंध शोर का सामना करना पड़ा जो कि सड़क पर दौड़ रही थीं। मेरे दोस्त और मुझे यह शोर तकलीफदेह और नाराज करने वाला लगा और मैंने एक पुलिसकर्मी से कहा कि वह पहली कार को रोक दे लेकिन उसने कोई ध्‍यान नहीं दिया।' मैं कार के सामने खड़ा हो गया और खीझ में मैंने कार को स्क्रेच लगा दिया। और मामला कोर्ट तक पहुंच गया था। 
 
मृत शेख राशिद ब्रिटिश सेना के आर्मी ऑफीसर ट्रेनिंग कैम्प, सैंडहर्स्ट में पढ़ते थे। कहा जाता है कि वे नियमित तौर पर लंदन आते थे। उनके पिता को बेशुमार दौलत के लिए जाना जाता है और फॉर्बेस ने उनकी निजी सम्पत्ति को 1.9 बिलियन डॉलर आंकी है। उनके अन्य अरब रसिक धनकुबेरों की तुलना में राशिद के कारनामे बहुत फीके जान पड़ते हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वे मध्य लंदन के होटलों में लगातार चलती रहने वाली अनियंत्रित पार्टियों के लिए कुख्‍यात थे।     
 
‍पश्चिमी देशों में राजसी जीवन को जीने वाले में प्रमुख रूप से पुरुषों को जाना जाता है, लेकिन खाड़ी देशों के शाही परिवारों की महिलाएं भी यूरोपीय देशों की राजधानियों में पैसा बर्बाद करने में कहीं से कम नहीं हैं। ये महिलाएं शॉपिंग के लिए पैरिस और लंदन को पसंद करती हैं, जॉर्ज पंचम या प्लाजा एथिनी (जिसके मालिक ब्रूनेई के सुल्तान हैं) में ठहरना पसंद करती हैं क्योंकि उनके सामने कभी भी किराए को लेकर कोई मुद्दा नहीं होता है।  
 
उदाहरण के लिए स्वर्गीय किंग अब्दुल्ला की साली, प्रिंसेज महा बिंत मोहम्मद बिन अहमद अल-सुदैरी ने कथित तौर पर पैरिस के एक पांच सितारा होटल शांगरी-ला से भागने की कोशिश की थी। वे और उनका शाही लवाजमा पांच महीनों तक इस होटल में ठहरा रहा था। होटल के 41 कमरों में उनके नौकर-चाकर ठहरे हुए थे। उन्होंने 70 लाख डॉलर से ज्यादा का बिल चुकाने की जरूरत नहीं समझी। कथित तौर पर यह बिल 48 घटों में सऊदी राज परिवार के एक वरिष्ठ व्यक्ति ने चुका दिया, लेकिन इसका नतीजा यह हुआ कि महा को अब हमेशा के लिए सऊदी अरब में ही रहने का हुक्म सुना दिया गया। 
अब शेख राशिद का हश्र भी पढ़ लीजिए... अगले पेज पर...
 
 
 

शेख राशिद भी एक बार इसी तरह से अपने पिता के कोप का शिकार बने थे। वर्ष 2008 में उन्हें युवराज के पद से बर्खास्त कर दिया गया था और उनके छोटे भाई शेख हमदान को सिंहासन का दावेदार बना दिया गया था। राजगद्दी पर हक के इस बदलाव के पीछे राशिद का अपने परिजनों की हत्या में हाथ बताया गया था। इस बात का खुलासा विकीलीक्स द्वारा वॉशिंगटन से दुबई भेजे गए एक गोपनीय संदेश के उजागर होने से हुआ था जो कि दुबई में अमेरिकी कोंसुलेट से वॉशिंगटन में भेजा गया था। 
 
कोंसुलेट के कार्यकारी कोंसुलेट जनरल डेविड विलियम्स ने लिखा, 'ऐसा आरोप लगाया जाता है कि राशिद ने शासक के कार्यालय में एक सहायक की हत्या कर दी थी और इस कारण से राजगद्‍दी पर उनके अधिकार को छीन लिया गया था।' पर यह आरोप कभी प्रमाणित नहीं हो सका था। अपने अंतिम वर्षों में उन्हें कभी-कभार ही दुबई से बाहर जाने की इजाजत मिलती थी। उनके लंदन के दौरों में भी कमी कर दी गई थी। उनके स्टाफ के एक सदस्य ने बताया था कि उनके परिवार ने उन्हें एक पुनर्वास केन्द्र में रखा गया था।     
 
अपने जीवन के पिछले कुछेक वर्षों के दौरान राशिद को दुनिया की नजरों से दूर रखा गया। उन्हें ज्यादातर डिजीटल रिकॉर्डस से काट दिया गया था। यह एक आश्चर्यजनक पहलू है कि उस समय के दौरान राशिद के अस्तित्व के प्रमाण मिलना भी मुश्किल हो गया था। वेब पर से उनकी जो कुछ सरकारी तस्वीरें उपलब्ध थीं, उन्हें भी हटा दिया गया था। पिछले कुछेक दिनों में वैश्विक मीडिया में जो कुछ तस्वीरें प्रकाशित की गई हैं, वे भी राशिद की न होकर उनके जीवित भाई हमदान की थी।    
 
हालांकि सऊदी अरब में शेख की इस बात के लिए आलोचना की जाती रही कि उन्होंने अपने बेटे को उसके जन्मसिद्ध अधिकार से वंचित कर दिया लेकिन शेख के इस फैसले को लेकर चल रहे संदेह उसकी मौत के साथ समाप्त हो गए। हालांकि इस दौरान पैसों के लिए जुआखोरी, दिखावा, भड़कीली चीजों का फैशन, कारों को लेकर दीवानगी उनके साथियों, सहयोगियों के बीच अभी भी जारी है।    
निकोल किडमैन और एन कुर्निकोवा के साथ पार्टी करने वाला शख्स अब जेल में है... कौन है ये, पढ़ें अगले पेज पर...
 
 

कहा जाता है कि दुनिया में बहुत सी ऐसी चीजें हैं जिन्हें पैसों से नहीं खरीदा जा सकता है। लेकिन दुनिया की ज्यादातर ऐसी चीजें जिन्हें पैसों से खरीदा जा सकता है, वे शायद किसी शेख की नजरों में नहीं आई होंगी। खाड़ी देशों के ‘शेख’ मतलब ऐसी अमीरी है जो कि अपनी सम्पन्नता से लोगों को अचंभे में डाल दे। इसलिए कोई सोने का शौचालय बनाता है तो कोई प्लैटिनम की गाड़ी खरीदता है और कोई पैसे खर्च करने की फिजूलखर्ची का विश्व रिकॉर्ड बनाता है। 
 
शेख का मतलब केवल राज परिवार में पैदा हुआ अमीर नहीं है। वरन खाड़ी देशों के कई तानाशाहों और उनके परिजनों का जीवन भी किसी शेख से कम नहीं होता है। हां, यह बात और है कि समय के साथ हुए बदलाव के कारण इनका दुखद अंत भी हुआ है। लीबिया के पूर्व तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी का बेटा अल-सादी गद्दाफी किसी देश के राजकुमार से कम नहीं था लेकिन अब वह जेल की सलाखों के पीछे दिन गुजार रहा है।
 
अल-सादी ने मुअम्मर गद्दाफी के साम्राज्य के दौरान बहुत ऐश की। सिर्फ पैसों के दम पर फुटबॉल को बस पसंद करने वाले अल-सादी ने इटली में व्यावसायिक फुटबॉल खेला। वह अपने देश की फुटबॉल टीम का कप्तान भी रहा। सादी अपने पिता की अय्याशी भरी जीवनशैली के लिए कुख्यात रहा। 50सेंट, निकोल किडमैन और एना कुर्निकोवा के साथ पार्टी करनेवाला अल-सादी अपने अतीत की परछाई भी नहीं रहा।  
संगीत का शौक ऐसा कि माइकल जैक्सन को घर बुलाता था ये शेख... पढ़ें अगले पेज पर....
 
 
 

पैसों के बल पर अमेरिका में अपना सिक्का जमाने वाले एक शेख मोहम्मद अल-फासी भी हैं। वे एक बहुत अमीर सऊदी व्यापारी और एक हाई प्रोफाइल शेख के साले थे। शेख अल-फासी ने सारे जगत में शेखों की प्रतिष्ठा ‘खर्चीले लोगों’ में बदल दी है। उन्होंने अमेरिका के बेवरर्ली हिल्स में एक 38 रूम के बंगले की कीमत नकद पैसों में अदा करने का रिकॉर्ड बनाया। 
 
बेवरर्ली हिल्स तो छोडि़ए बल्कि मियामी, लंदन, स्पेन और जाहिर तौर पर सऊदी अरब में इनकी अरबों की जायदाद है। उनके पास 2 बोईंग 707, 36 कारें, 1.5 करोड़ डॉलर की नाव और एक निजी चिड़ियाघर है। आखिर चिड़ियाघर रखने का शौक भी अमीरों का ही हो सकता है। 
 
एक ऐसे ही धनकुबेर हैं शेख अब्दुल्ला बिन हमद अल-खलीफा जिनका परिवार बहरीन में फार्मूला वन रेसिंग करवाता है। शेख साहब, माइकल जैक्सन के फैन हैं और जब उनका गाना सुनना चाहते थे तो वे माइकल जैक्सन को ही अपने घर खाना खाने के लिए बुलाया करते थे और उनके गाने सुनते थे।  
ये राजकुमार पैरिस हिल्टन को महल में बुलाता था... पढ़ें अगले पेज पर...
 
 

संभव है कि आप शेख सौउद अल-थानी को नहीं जानते हों लेकिन शेख कतर के नेशनल काउंसिल फॉर कल्चर, आर्ट एंड हेरिटेज के चेयरमैन हैं। कला संग्राहकों के बादशाह शेख सौद अल-थानी ने सन 2004 में एक हफ्ते में ही 2.7 करोड़ डॉलर का आर्ट कलेक्शन किया था। अल-थानी प्रति वर्ष कई बिलियन डॉलर इस संग्रहालय के लिए खर्च करते हैं। 
 
मुहम्मद बिन फहद अल-साउद, सऊदी अरब के राजा ‘फहद’ के बेटे हैं। अल-साउद सऊदी अरब के गवर्नरों में से एक हैं। अल-साउद, सऊदी अरब की सकल घरेलू उत्पाद में हर साल करीब 10 प्रतिशत का योगदान देते हैं। पैरिस हिल्टन को अपने बारों, अपने महलों में बुलाने वाले अल-साउद के पास सऊदी अरब में कई महल हैं। जुआरियों की सूची के शिखर पर बने रहने वाले अल साउद में प्रति वर्ष अरबों रुपए जुए में हारते हैं। 
 
अब आप ही समझ सकते हैं कि शेखों और उनके जैसे लोगों की जिंदगी में संपत्ति और धन का कितना महत्व है?