भारत की बड़ी जीत, ब्रिक्स घोषणा पत्र में पाक आतंकी संगठनों का जिक्र
शियामिन। चीन के शियामिन में चल रहे 9वें ब्रिक्स सम्मेलन में भारत को एक बड़ी सफलता मिली। सम्मेलन में #BRICS देशों ने संगठित रूप से सभी आतंकी संगठनों की निंदा की। इसमें खासकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयैबा और जैश-ए मोहम्मद का भी नाम भी लिया गया।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए मोहम्मद कश्मीर में हिंसा के लिए जिम्मेदार है।
लश्कर की भर्त्सना : ब्रिक्स के संयुक्त घोषणा पत्र में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा की यहां भर्त्सना की गई है। इसे भारत की एक बड़ी राजनयिक सफलता मानी जा रही है। विदित हो कि पिछले वर्ष गोआ में हुए ब्रिक्स सम्मेलन के दौराना भारत संयुक्त घोषणा पत्र में आतंकवाद निंदा नहीं की जा सकी थी।
ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि विकास के लिए एक-दूसरे का सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा, भारत गरीबी से लड़ रहा है। ब्रिक्स बैंक ने कर्ज के लिए पैसे देने शुरू किए हैं। ब्रिक्स के बैंक से सभी सदस्य देशों को फायदा होगा। शांति और विकास का सहयोग जरूरी है। हमने कालेधन के खिलाफ जंग छेड़ी। भारत के युवा हमारी ताकत हैं।
पहली बार हुआ ऐसा : ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पहली बार चरमपंथी संगठनों के नामों की लिस्ट रखी गई। विदेश मंत्रालय में सचिव प्रीति सरन ने सम्मेलन को लेकर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान यह बताया। प्रीति सरन ने कहा, 'आतंकवाद पर सभी को एकजुट होकर बात करने की जरूरत है और ये बात अब लोगों को समझ आ रही है। ब्रिक्स देशों के सदस्य कहीं न कहीं आतंकवाद का शिकार रहे हैं। अब सभी को मिलकर इसके खिलाफ काम करने की जरूरत है। आप इस पर दोहरा रुख नहीं रख सकते।'
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स में आतंकवाद का मुद्दा उठाया। ब्रिक्स के बाकी सदस्य देशों के नेताओं ने भी आतंकवाद की कड़ी निंदा की और इसके खिलाफ ऐक्शन की जरूरत पर जोर दिया। सरन ने बताया कि पहली बार ब्रिक्स में हक्कानी नेटवर्क, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तोएबा जैसे चरमपंथी संगठनों का नाम सार्वजनिक तौर पर लिस्ट किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कट्टरता के खिलाफ विश्व के सभी देशों से एकजुट होने की अपील की और यह भी कहा कि भारत कट्टरता के खिलाफ एक ग्लोबल समिट बुलाएगा।