1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. अंतरराष्ट्रीय
Written By WD

परिवार से मिला मोदी का धर्मपुत्र

नरेन्द्र मोदी
नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी का धर्मपुत्र जीत बहादुर के लिए रविवार का दिन उस समय खास बन गया जब वह 12 साल बाद अपने परिवार से मिला।
PIB

मोदी ने जीत बहादुर के परिवार को न सिर्फ खोज निकाला बल्कि उसे परिवार से मिलाने अपने साथ नेपाल भी ले गए।

नेपाल दौरे से पहले जीत बहादुर के बारे में बताते हुए पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा है 'नेपाल की इस यात्रा से मेरी कुछ व्यक्तिगत भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं। बहुत साल पहले एक छोटा सा बालक जीत बहादुर असहाय अवस्था में मुझे मिला था। उसे कुछ पता नहीं था। कहां जाना है? क्या करना है? और वह किसी को जानता भी नहीं था। भाषा भी ठीक से नहीं समझता था।'

वहीं मोदी के प्यार दुलार में पला जीत बहादुर उन्हें अपना बड़ा भाई मानता है। मोदी ने ही उसे जिंदगी का पहला सबक सिखाया है। जीत बहादुर कहता है, उसके बड़े भाई यानि पीएम मोदी उसके लिए जीवन में सबसे अनमोल हैं। दुनिया आज नमो मंत्र गा रही है। वो तो सालों से उनका मुरीद है। जीत बहादुर अभी अहमदाबाद से बीबीए कर रहा है। गुजराती भी जानता है।

मोदी ने इस तरह ढूंढ निकाला जीत का परिवार... अगले पन्ने पर...


मोदी ने काफी कोशिशों से नेपाल में जीत बहादुर के माता-पिता को ढूंढ निकाला। पीएम मोदी ने बताया है कि जीत के एक पैर की 6 उंगलियां उसकी पहचान में मददगार साबित हुईं। मोदी ने ट्वीट किया है कि- कुछ समय पहले मैं उसके मां-पिताजी को भी खोजने में सफल हो गया, ये भी रोचक था। ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि उसके पांव में छह उंगलियां हैं।

जीत की मां खगिसरा साहू का कहना है कि उसने जीत को केवल जन्म दिया है, जबकि मोदी ने उसके लिए बहुत कुछ किया है। सालों पहले खोए जीत को मोदी ने आज उसकी मां को सौंप दिया।

जीत बहादुर नेपाल के नवलपरासी जिले के कवासती लोकाहा गांव का रहने वाला है। मोदी को अपने बड़ा भाई कहना वाला जीत इस बात से बेहद खुश है कि जब वो नेपाले में अपने परिवारवालों से मिलेगा पीएम मोदी हाथ थामे उसके साथ खड़े होंगे। सियासी हिसाब-किताब के बीच मोदी के सहारे, उनके दुलार में पले बड़े जीत बहादुर की ये कहानी यकीनन दिलों के मेल और इंसानी रिश्तों की अनोखी मिसाल है।