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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 16 जून 2025 (17:03 IST)

जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी क्यों कहलाती है 'यम शिला', भक्त क्यों नहीं रखते हैं पैर

Mysteries of Jagannath Temple
What Is The Secret Of The Third Step Of Jagannath Temple : हिंदू धर्म के चार धामों में से एक, जगन्नाथपुरी को साक्षात बैकुंठ माना जाता है। ओडिशा में स्थित यह पवित्र धाम लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है। यहां भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की प्रतिमाएंस्थापित हैं। इस मंदिर से जुड़ी कई दिलचस्प परंपराएं और रहस्य हैं, जिनमें से एक है मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर पैर न रखने की सख्त मनाही। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों है? आइए जानते हैं इस रहस्य के पीछे की पौराणिक कथा।

जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी: यम शिला का स्थान
जगन्नाथ मंदिर में कुल 22 सीढ़ियां हैं, जो मंदिर के मुख्य द्वार की ओर जाती हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण और रहस्यमयी है तीसरी सीढ़ी। यह सीढ़ी बाकी सीढ़ियों से रंग में अलग, काले रंग की है, जिससे इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। भक्तों को मंदिर में प्रवेश करते समय इन सीढ़ियों पर पैर रखने की अनुमति है, लेकिन दर्शन करने के बाद लौटते समय इस तीसरी सीढ़ी पर पैर रखने की सख्त मनाही है। माना जाता है कि ऐसा करने से सारे पुण्य धुल जाते हैं।

यमराज और भगवान जगन्नाथ की पौराणिक कथा:
इस रहस्य के पीछे एक प्राचीन पौराणिक कथा है। कहते हैं कि एक समय ऐसा आया जब भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने मात्र से लोगों को जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिलने लगी। हर कोई पापों से मुक्त होकर सीधे स्वर्ग जाने लगा, जिससे यमलोक खाली होने लगा। यह सब देखकर मृत्यु के देवता यमराज चिंतित हो गए।
यमराज सीधे भगवान जगन्नाथ के पास पहुंचे और बोले, "हे प्रभु! आपने पाप से मुक्ति पाने का यह बहुत सरल उपाय बताया है। आपके दर्शन मात्र से लोगों के पाप आसानी से मुक्त हो रहे हैं और कोई भी यमलोक नहीं आ रहा है। ऐसे में मेरे लोक का क्या होगा?"

यमराज जी की बात सुनकर भगवान जगन्नाथ मुस्कुराए और बोले, "हे यमराज, आप चिंता न करें। आप मंदिर के मुख्य द्वार पर स्थित तीसरी सीढ़ी पर अपना स्थान ग्रहण करें। इस सीढ़ी को यम शिला कहा जाएगा।"  भगवान ने आगे कहा, "जो कोई भी मेरे दर्शन करने के बाद उस यम शिला पर पैर रखेगा, उसके सारे पुण्य धुल जाएंगे और उसे यमलोक आना पड़ेगा।"


पुण्य शून्य होने का भय
इसी पौराणिक कथा के अनुसार, जगन्नाथ मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश करते समय तो भक्त सीढ़ियों पर पैर रखते हुए ऊपर जाते हैं। लेकिन जब वे दर्शन करके लौटते हैं, तो उन्हें विशेष रूप से नीचे से तीसरी सीढ़ी यानी यम शिला पर पैर न रखने की सलाह दी जाती है। यह मान्यता है कि जो भक्त ऐसा करता है, उसके जगन्नाथ दर्शन के सभी पुण्य शून्य हो जाते हैं। इसीलिए भक्त इस सीढ़ी को बहुत सावधानी से पार करते हैं, ताकि उनके पुण्य सुरक्षित रहें।

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