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Last Updated : शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2014 (15:50 IST)

अनूठे अनुभव, मौत के बाद कैसा लगता है...!

अनूठे अनुभव, मौत के बाद कैसा लगता है...! - death
लंदन। मौत के बाद भी जिंदगी होती है। किसी का दिल और दिमाग काम करना बंद कर दे, तो भी इन्सान अपने आसपास की हलचल महसूस करता है। दो हजार लोगों पर अध्ययन करने के बाद वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला है।
 
साउथैंप्टन विवि के शोधकर्ताओं ने मौत के बाद कैसा लगता है, को जानने के लिए ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रिया के 15 अस्पतालों के उन मरीजों को चुना, जिन्हें दिल का दौरा पड़ा था। चार साल तक तहकीकात की और पाया कि इनमें से करीब 40 फीसदी लोग तब भी होश में थे, जब उन्हें क्लिनिकली डेड करार दिया जा चुका था। हालांकि, बाद में उनके दिल ने दोबारा काम करना शुरू कर दिया।
 
रिसर्च दल में शामिल वैज्ञानिकों ने 'द टेलीग्राफ' को बताया कि साउथैंप्टन के 57 साल के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि बेहोशी और तीन मिनट तक मृत रहने के बाद भी उसे अच्छी तरह याद है कि अस्पताल में उनके साथ क्या-क्या हुआ। उन्हें मशीनों की आवाज तक याद थी।
 
इनके अनुभव भी कम विचित्र नहीं... पढ़ें अगले पेज पर....

शोध दल के प्रमुख डॉ. सैम पर्निया के मुताबिक, दिल एक बार धड़कना बंद कर दे तो 20-30 सेकंड के भीतर दिमाग काम करना बंद कर देता है। पर इस शख्स के मामले में देखा गया कि दिल का धड़कना बंद होने के तीन मिनट बाद तक उसे होश था। उसने अपने आसपास की हलचल के बारे में जो भी कहा, सब पूरी तरह सही था। 
 
उल्लेखनीय है कि स्टडी के लिए चुने गए 2060 मरीजों में से 330 बच गए थे। इनमें से 140 का कहना था कि उन्हें धड़कन वापस आने तक किसी न किसी तरह के अनुभव हुए। पांच में से एक का कहना था कि उन चंद मिनटों में एक अजीब-सी शांति का अहसास हुआ था। वहीं, एक तिहाई ने कहा कि वे धीमे पड़ गए थे या उनकी स्पीड तेज हो गई थी।
 
इस संबंध में अलग-अलग लोगों के अलग-अलग अनुभव प्राप्त हुए हैं। मौत के करीब होने का अहसास करने वाले कई लोग दुनिया में जीवित हैं। कुछ का कहना है कि उन्होंने चमकीली रोशनी देखी तो किसी ने तेज सुनहरी रोशनी या चमकता सूरज दिखा। कुछ को डर या डूबने का अहसास हुआ। गैलप के एक सर्वे के मुताबिक, अमेरिका की कुल आबादी का तीन फीसदी हिस्सा मानता है कि उसने ऐसा अहसास किया है।
 
काश...! मैं कभी न जागूं... पढ़ें अगले पेज पर...

काश... मैं कभी न जागूं! यह अहसास दिल के बीमारी से जूझ रहे एक व्यक्ति के हुए। टेक्सास के बेन ब्रीडलव को दिल की बीमारी है। यूट्यूब में उन्होंने मौत के करीब पहुंचने को अहसास को अपने शब्दों में कुछ तरह बयान किया है।
 
ऐसे ही एक मामले में एक व्यक्ति का कहना था, जब मैं बेहोश था तब मैंने खुद को एक सफेद कमरे में पाया, जिसकी दीवारें नहीं थीं। कोई शोर नहीं था। उसी शांति का अहसास हुआ, जो चार साल की उम्र में भी मुझे हुई थी। मैंने सुंदर सूट पहना था। आइने में खुद को देखा और गर्व महसूस किया। मैं वहां से जाना नहीं चाहता था। मैं नहीं चाहता था कि फिर कभी जागूं।