गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. प्रेरक व्यक्तित्व
  4. Professor C.V. Raman
Written By

महान वैज्ञानिक सी.वी. रमन के बारे में रोचक जानकारी

महान वैज्ञानिक सी.वी. रमन के बारे में रोचक जानकारी - Professor C.V. Raman
CV Raman
 
National Science day- भारत रत्न प्राप्त महान वैज्ञानिक प्रोफेसर सी.वी. रमन (चंद्रशेखर वेंकटरमन) ने सन् 1928 में कोलकाता में 28 फरवरी के दिन एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज की थी, जो ‘रमन प्रभाव’ के रूप में प्रसिद्ध है। इसी खोज की याद में भारत में सन् 1986 से प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (नेशनल साइंस डे) मनाया जाता है।
 
 
महान वैज्ञानिक सी.वी. रमण की यह खोज 28 फरवरी 1930 को प्रकाश में आई थी। इस कार्य के लिए उनको 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सीवी रमन ने इसकी खोज इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइंस, कोलकाता की प्रयोगशाला में काम करने के दौरान की थी।
 
 
परिचय : चंद्रशेखर वेंकट रामन का जन्म तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु में 7 नवम्बर 1888 को हुआ था और उनकी मृत्यु कर्नाटक के बेंगलुरू में 21 नवम्बर, 1970 को हुई थी। उनके माता पिता का नाम चंद्रशेखर अय्यर और पार्वती अम्माल था। पत्नी का नाम त्रिलोकसुंदरी था।
 
  
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाए जाने का उद्देश्य : इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य है भारत के छात्र छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करना, विज्ञान के क्षेत्र में नए प्रयोगों के लिए प्रेरित करना तथा विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है।
 
 
क्या होता है इस दिन : इस दिन विज्ञान संस्थान, प्रयोगशाला, विज्ञान अकादमी, स्कूल, कॉलेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों में वैज्ञानिक गतिविधियों से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं। रमण प्रभाव के बारे में बताया जाता है। विज्ञान के प्रति भ्रांतियों को दूर कर आणविक सिद्धांत को समझाया जाता है।
 
 
क्या है रमन प्रभाव : रमन प्रभाव एक ऐसी घटना है जिसमें प्रकाश की किरण को अणुओं द्वारा हटाए जाने पर वह प्रकाश अपने तरंगदैर्ध्य में परिवर्तित हो जाता है। प्रकाश की किरण जब एक धूल–मुक्त, पारदर्शी रसायनिक मिश्रण से गुजरती है तो घटना (आनेवाली) बीम की दूसरी दिशा में प्रकाश का छोटा सा अंश उभरता है। इस बिखरे हुए प्रकाश का ज्यादातर हिस्से का तरंगदैर्ध्य अपरिवर्तित रहता है। हालांकि, छोटा सा अंश मूल प्रकाश की तरंगदैर्ध्य की तुलना में अलग तरंगदैर्ध्य वाला होता है और उसकी उपस्थिति रमण प्रभाव का परिणाम है।