इंदौर। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर इंदौर प्रेस क्लब द्वारा प्रेस क्लब के राजेंद्र माथुर सभागार में आयोजित एक गरिमामय और प्रतिष्ठित समारोह में शहर की ऐसी महिला पत्रकारों के साथ ही महिला समाजसेवियों का सम्मान किया गया, जिन्होंने कोरोना काल में दिन-रात अथक परिश्रम कर फील्ड में रहकर लाइव कवरेज किया और पाठकों तक सही खबरें पहुंचाईं। साथ ही समाज की ऐसी महिलाओं को भी सम्मानित किया, जिन्होंने शहर के लोगों को खाद्य सामग्री के साथ ही सैनेटाइजर, मास्क और औषधि भी जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाई। इसी मौके पर 'सम्मान नहीं, समानता चाहिए' विषय पर एक टॉक शो का भी आयोजन किया गया।
मध्यप्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि प्राचीनकाल से हमारी महिलाएं गौरव का पात्र रही हैं। फिर चाहे वह मैत्रीय, गार्गी हो या जीजाबाई अथवा झांसी की रानी। वर्तमान में मंदाकिनी आप्टे से लेकर तनुश्री पारिख आदि कई महिलाओं ने नारी शक्ति को विश्व में प्रतिष्ठित किया है। आज कई महिला पत्रकार फील्ड में जाकर रिपोर्टिंग कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि देश के असली हीरो बॉलीवुड के कलाकार नहीं हैं, बल्कि वे हैं, जो देश की आजादी के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए। अत: हम अपने घरों में एक चित्र अवश्य इन क्रांतिकारियों का लगाएं।
वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती अमृता सिंह ने टॉक शो में कहा कि स्वतंत्रता और समानता एक दूसरे के पूरक हैं। जब तक स्वतंत्रता नहीं मिलेगी, तब तक सम्मान नहीं मिलेगा। जब सम्मान होगा तो स्वतंत्रता भी मिलेगी। समानता एक वैचारिक सोच है। महिलाओं को आज वैचारिक स्वतंत्रता की जरूरत है, ताकि वह एक गरिमापूर्ण जीवन जी सकें और अपने अधिकार वह स्वयं ले सकें।
उन्होंने आगे कहा कि हमारा संविधान सभी को सम्मान और स्वतंत्रता देने की बात करता है, लेकिन उससे भी डेढ़ सौ वर्ष पूर्व अमेरिका में समानता को लेकर बात कही गई थी। परिणाम यह है कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं, लेकिन उन्हें और अवसरों की आवश्यकता है।
नगर निगम आयुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल ने कहा कि जब कोरोना संक्रमण का खौफ शहर में छाया हुआ था, लोग क्वारेंटाइन सेंटर में भी आने में घबरा रहे थे, उस वक्त निगम की हजारों महिला सफाईकर्मी न केवल उन सेंटरों की, बल्कि संक्रमित मरीजों की भी सेवा कर रही थीं। मुझे कहते हुए गर्व हो रहा है कि इंदौर आज जिस मुकाम पर है उसमें सबसे बड़ी भूमिका 11 महिला सफाईकर्मियों की है, जिन्हें मैं अंतर्मन से बधाई देती हूं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को आगे बढऩे के जितने अधिक अवसर मिलेंगे, वह उतना बेहतरी के साथ कार्य करेंगी। निगम में रिमूव्हल गैंग का कार्य अत्यंत कठिन होता है, क्योंकि जिसका भी अतिक्रमण तोड़ा जाता है, उसका आक्रोशित होना स्वाभाविक है। ऐसे में जब यह काम कोई महिला अधिकारी करती है तो काम आसान हो जाता है। सौभाग्य से निगम ने यह दायित्व एक महिला अधिकारी को दिया है जो इसे आज बखूबी निभा रही हैं।
'द वीक' (मप्र-छत्तीसगढ़) की विशेष संवाददाता सुश्री श्रावणी सरकार ने कहा कि महिलाओं को जब अपने अधिकार नहीं मिलें तो उसे छीनने के बजाय ले लेना चाहिए, क्योंकि छीनने से किसी एक का ही भला होता है और देने वाला भी मन से नहीं देता है, जबकि अधिकार लेने से सबका भला होता है। उन्होंने कहा कि एक दिन महिलाओं का सम्मान करने से कुछ न होगा, बशर्ते उन्हें हमेशा सम्मान के भाव के साथ काम करने की पूरी आजादी और समानता दी जाए।
'न्यूज नेशन' की स्टेट हेड एवं वूमन्स प्रेस क्लब की प्रेसीडेंट श्रीमती दीप्ति चौरसिया ने कहा कि महिला दिवस पर ऐसी महिलाओं को सम्मानित किया जाना चाहिए, जिन्होंने समाज में रहकर कमजोर वर्ग की महिलाओं को शिक्षित और सशक्त बनाकर रोल मॉडल के रूप में पहचान बनाई, ताकि उनसे दूसरी महिलाएं भी प्रेरणा ले सकें, लेकिन आज तो पंचायत से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर महिलाएं तो सम्मानित हो रही हैं, पर उसमें रोल मॉडल कम ही हैं।
उन्होंने आगे कहा कि राजनीति में महिलाओं को कमतर आंका जाता है, यह मानसिकता सही नहीं है। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की विभागाध्यक्ष श्रीमती सोनाली नरगुंदे ने विषय का प्रतिपादन करते हुए कहा कि समाज में जिन बेटियों या महिलाओं के साथ दुष्कर्म अथवा सामूहिक दुष्कर्म होता है, ऐसे कृत्य करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलना चाहिए, ताकि समाज में एक अच्छा संदेश जाए।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में हर दिन महिलाओं के साथ करीब 15 दुष्कर्म हो रहे हैं, इस तरह के दुष्कर्म का कारण बेरोजगारी या गरीबी नहीं है, बल्कि सोची-समझी साजिश और चाल है। हमें इस पर रोक लगाने की आवश्यकता है।
वरिष्ठ पत्रकार सुश्री जयश्री पिंगले ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि महिलाओं का होना आधी आबादी का सच है और आज यही महिलाएं अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रही हैं, जो महिलाएं अच्छा कार्य करके आगे बढ़ रही हैं, उन्हें समाज की स्वीकृति भी तुरंत मिलनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अच्छी बात है कि कोरोना काल में हमारी महिला पत्रकारों ने फील्ड में रहकर डटकर काम किया।
इन समाजसेवी महिलाओं का हुआ सम्मान : डॉ. ज्योति बिंदल, श्री अरबिंदो विश्वविद्यालय की कुलपति, श्रीमती आशा दरियानी, समाजसेवी व उद्योगपति, डॉ. दिव्या गुप्ता, अध्यक्ष-ज्वाला संस्था, श्रीमती मनीषा पाठक सोनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, मुख्यालय, श्रीमती भारती मंडोले, अध्यक्ष-ईवा वेलफेयर सोसायटी, डॉ. विनिता कठारी, संचालक-सेंट्रल लैब, डॉ. अनुपमा दवे, वरिष्ठ चिकित्सक, सुश्री मोनिका पुरोहित, संचालिका-आनंद सर्विस सोसायटी, श्रीमती विनिता खंडेलवाल, गायत्री परिवार, सुश्री प्रियांशु जैन, समाजसेवी, डॉ. वंचना सिंह परिहार, प्रभारी वन स्टॉप सखी सेंटर, सुश्री अनिला पाराशर, सब इंस्पेक्टर, मप्र पुलिस, श्रीमती अर्चना काले डगांवकर, समाजसेवी, श्रीमती अर्चना शर्मा, समाजसेवी, सुश्री प्रिया चौहान, समाजसेवी।
ये महिला पत्रकार हुईं सम्मानित : सुश्री मनीषा दुबे, प्रभात किरण, सुश्री नीता सिसोदिया, दैनिक भास्कर, सुश्री रुखसाना मिर्जा, सुश्री मीना खान, अग्निबाण, सुश्री नाज पटेल, इंडिया न्यूज, सुश्री प्रियंका पाण्डे, रेड-9 न्यूज
, सुश्री करिश्मा कोतवाल, टाइम्स ऑफ इंडिया, सुश्री शालिनी हार्डिया, आईबीसी-24, सुश्री नेहा जैन, हिंदुस्तान टाइम्स, सुश्री सुधा शर्मा, ऑल इंडिया रेडियो, सुश्री नासिरा मंसूरी, बी-टीवी हेथवे, सुश्री दीपिका अग्रवाल, स्वराज एक्सप्रेस, सुश्री हेमलता लवंशी, पीपुल्स समाचार, सुश्री कविता पाण्डे, वंदे भारत, सुश्री खुशबू यादव, केएनएन न्यूज, सुश्री टीना खत्री, फ्री प्रेस, सुश्री विनी आहूजा।
कार्यक्रम के प्रारंभ में भरतनाट्यम नृत्यांगना सुश्री अशिमा कोतवाल ने देवस्तुति के साथ सुंदर और मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी। पत्रकारिता जगत की जिन हस्तियों का सम्मान हुआ इनकी सफलता की कहानी पुरुष साथी द्वारा बयां की गई। कार्यक्रम का संचालन सुश्री माला ठाकुर और श्रीमती श्रुति अग्रवाल ने किया। अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
आभार इंदौर प्रेस क्लब प्रबंधकारिणी की सदस्य सुश्री करिश्मा कोतवाल ने माना। इस मौके पर अलका सैनी, वैशाली पारे, लविना फ्रांसिस, सप्तपर्णा बिस्वास, राधिका कोडवानी, जूही गुप्ता, सुषमा दुबे, डॉ. ज्योति जैन, डॉ. विजयलक्ष्मी आयंगर, ऋतु यादव, नेहा, ऋतु मिश्रा, श्रद्धा चौबे, पिंकी शर्मा, नीतू मोर, वाणी जोशी, दिव्या राजे भोंसले, गौरी सिंह, दीपिका जोशी, दीप्ति भटनागर, कीर्ति सिंह, श्रद्धा बुंदेला, सुमेधा पुराणिक, नेहा जोशी मराठे, निकिता रघुवंशी, प्रो. जमुना मिश्रा, डॉ. ज्योति गौर, जयश्री तिवारी, मोनिका तिवारी, मीना निमजे, पूनम शर्मा, डॉ. श्रद्धा, मीनू शर्मा, ललिता गौड़, सीमा शर्मा, लीना मेहरा, प्रियंका देशपांडे, डॉ. दीपा वंजानी, नेहा लिम्बोदिया सहित उपस्थित महिलाओं को स्मृति चिह्न एवं गुलाब देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी, उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी, दीपक कर्दम, महासचिव हेमंत शर्मा, कोषाध्यक्ष संजय त्रिपाठी, सचिव अभिषेक मिश्रा, कार्यकारिणी सदस्य विपिन नीमा, राहुल वावीकर, अभय तिवारी, प्रवीण बरनाले, तपेन्द्र सुगंधी, पीयूष पारे, अभिषेक चेंडके, सुमित ठक्कर, रोहित तिवारी, आशीष जोशी, दीपक यादव, लोकेंद्र थनवार, राजेंद्र कोपरगांवकर, प्रवीण जोशी, मार्टिन पिंटो, संजय लाहोटी, राजीव उपाध्याय, उज्जवल शुक्ला, रवि सिसोदिया, अनिल मिश्रा, संजय नजान सहित बड़ी संख्या में पत्रकारों के साथ गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।