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Last Modified: शुक्रवार, 5 मार्च 2021 (21:03 IST)

देश में फिर Lockdown जैसे हालात, महाराष्ट्र में 10 हजार से ज्यादा नए मामले, इंदौर में निकले UK के 6 कोरोना स्ट्रेन

लापरवाही पड़ रही है भारी

देश में फिर Lockdown जैसे हालात, महाराष्ट्र में 10 हजार से ज्यादा नए मामले, इंदौर में निकले UK के 6 कोरोना स्ट्रेन - Coronavirus Maharashtra Indore
नई दिल्ली। देश में एक तरफ कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण चल रहा है, वहीं दूसरी ओर कई राज्यों में बढ़ते मामलों ने चिंताओं को बढ़ा दिया है। महाराष्ट्र में आज कोरोना के 10 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए और 53 नई मौतें कोरोना से हुई। महाराष्ट्र में कुल मामलों की संख्या 21,98,399 हो गई है। राज्य में कोरोना से अब तक 52,393 की मौत हुई। महाराष्ट्र के परभणी जिले के अरवी गांव में 16 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद गांव में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। 
 
दिल्ली में बढ़ते मामलों ने बढ़ाई चिंता : दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों ने एक बार फिर से सरकार और प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। आज 300 से ज्यादा नए मामले के बाद दिल्ली में भी केरल और महाराष्ट्र की तरह वायरस के फिर से फैलने का खतरा बढ़ गया है। दिल्ली में आज कोरोना के 312 नए मामले रिपोर्ट हुए हैं और 3 लोगों की मौत हुई है। कुल केस 6,40,494 हुए, अब तक 10,918 की मौत।
इंदौर में निकले UK के 6 कोरोना स्ट्रेन : मध्यप्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर जिले के 6 संक्रमितों में इस महामारी के सार्स-सीओवी-2 वायरस का ब्रिटेन वाला स्वरूप मिला है। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को जिले में महामारी का संक्रमण रोकने के प्रयास तेज करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिन ओर कोरोना में कमी नही आई तो रात्रि कर्फ्यू लगाया जा सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई बैठक के दौरान इंदौर जिले में कोविड-19 के हालात की समीक्षा की।
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि हमने जीनोम अनुक्रमण (सीक्वेंसिंग) के लिए करीब 100 लोगों के नमूने दिल्ली के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) भेजे थे। जांच के दौरान इनमें से 6 लोगों में सार्स-सीओवी-2 वायरस का ब्रिटेन वाला स्वरूप मिला है।
सिंह ने कहा कि जानकारों के मुताबिक सार्स-सीओवी-2 वायरस का ब्रिटेन वाला स्वरूप इसके अन्य प्रकारों के मुकाबले तेजी से फैलता है। हम मुख्यमंत्री के निर्देशों के मुताबिक जिले में महामारी का संक्रमण रोकने के प्रयासों में तेजी लाएंगे। 
 
सिंह ने बताया कि सूबे की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर शहर के कारोबारी प्रतिष्ठानों में मास्क के उपयोग को सख्ती से लागू किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि अगर अगले तीन दिन में जिले में कोविड-19 के नए मामलों में बड़ा उछाल दर्ज किया जाता है, तो हम रात का कर्फ्यू लगाने का कदम भी उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिले के जिन छ: संक्रमितों में सार्स-सीओवी-2 वायरस का ब्रिटेन वाला स्वरूप मिला है, वे सभी पुरुष हैं और उनकी उम्र 19 से 49 साल के बीच है। जिलाधिकारी ने बताया कि इनमें से किसी भी व्यक्ति ने हाल के दिनों में विदेश यात्रा नहीं की थी। हम इनके संपर्क में आए लोगों की तलाश कर रहे हैं। 
 
कोविड-19 की रोकथाम के लिए जिले के नोडल अधिकारी अमित मालाकार ने बताया कि सार्स-सीओवी-2 वायरस के ब्रिटेन वाले स्वरूप से संक्रमित मिले सभी छह लोग उनके घरों में पृथक-वास (होम आइसोलेशन) में हैं और उनकी हालत पर नजर रखी जा रही है।
 
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले इंदौर जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर इस साल चार मार्च तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 60,386 मरीज मिले हैं। इनमें से 933 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। 
 
1.8 करोड़ से ज्यादा लोगों को लगी वैक्सीन : केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में 1.8 करोड़ से अधिक लोगों को कोविड-19 रोधी टीके लग चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 68,53,083 स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों (एचसीडब्ल्यू) को टीके की पहली खुराक और 31,41,371 एचसीडब्ल्यू को दूसरी खुराक दी जा चुकी है। वहीं, 60,90,931 अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों (एफएलडब्यू) को पहली खुराक और 67,297 एफएलडब्यू को दूसरी खुराक दी गई है।

60 साल से अधिक आयु के 16,16,920 लोगों और विभिन्न रोगों से पीड़ित 45 से अधिक उम्र के 2,35,901 लोगों को पहली खुराक दी गई है। आंकड़ों के अनुसार, टीकाकरण अभियान के 48वें दिन (चार मार्च) 13,88,170 टीके लगाए गए। मंत्रालय ने बताया कि 16081 सत्रों में 10,56,808 लोगों (एचसीडब्ल्यू और एफएलडब्यू) को पहली खुराक दी गई और 3,31,362 लोगों (एचसीडब्ल्यू और एफएलडब्यू) को दूसरी खुराक दी गई। आंकड़ों के अनुसार, 60 साल से अधिक आयु के 6,15,903 और विभिन्न रोगों से पीड़ित 45 से अधिक उम्र के 92,109 लोगों को पहली खुराक दी गई। (इनपुट भाषा)
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