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Last Modified: शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2019 (17:16 IST)

वैवाहिक जीवन में एक-दूसरे के गुणों को पल्लवित करना जरूरी

वैवाहिक जीवन में एक-दूसरे के गुणों को पल्लवित करना जरूरी - Maheshwari samaj indore
इंदौर। जीवन में आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकती है, लेकिन इच्छाओं की पूर्ति नहीं हो सकती। आज की युवा पीढ़ी इच्छाओं की पूर्ति करने में लगी है। किसी एक गुण के कारण युवक-युवती आकर्षित होकर विवाह तो कर लेते हैं, लेकिन उस गुण को जीवन में पल्लवित नहीं कर पाते हैं तो वैवाहिक जीवन कटुता आने लगती है और संबंध टूटने तक की नौबत आ जाती है। जीवन में उन गुणों को पल्लवित करना जरूरी है, जिनकी वजह से वैवाहिक जीवन की शुरुआत की है। 
 
उक्त विचार शुक्रवार को श्री महेश सामाजिक पारमार्थिक संस्था द्वारा आयोजित तीन दिवसीय परिचय सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर अ.भा माहेश्वरी महासभा के सभापति श्री श्यामसुंदर सोनी (नागपुर) ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रेम विवाह का चलन चिंता का विषय बनता जा रहा है। पूर्व में विवाह के मामले में परिवार के बुजुर्ग निर्णायक होते थे, लेकिन आज युवा वर्ग ही निर्णय करने लगे हैं। भारतीय समाज में विवाह एक संस्कार माना जाता है।
 
परिचय सम्मेलन में समारोह अध्यक्ष राम अवतार जाजू ने कहा कि आज शिक्षा को प्राथमिकता की वजह से विवाह की उम्र बढ़ती जा रही है, जबकि होना यह चाहिए कि बेटी परनाओ और बहू को पढ़ाओ। उन्होंने सभी प्रत्याशियों से इस परिचय सम्मेलन के दौरान आपसी विचारों में समन्वय बनाने पर जोर दिया।
 
संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. रवीन्द्र राठी, संस्था अध्यक्ष गोपाकृष्ण एस. मानधन्या एवं मीडिया प्रभारी अजय सारड़ा ने बताया कि तीन दिवसीय परिचय सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथियों ने भगवान महेश की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया। वहीं कार्यक्रम में 10 राज्यों से आए अभिभावक सुबह से शाम तक अपने विवाह योग्य युवक-युवतियों के लिए प्रत्याशियों की खोज करते नजर आए। इस अवसर पर बहुरंगी स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
तीन दिवसीय परिचय सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मोहनलाल राठी, शरद गट्टानी, अनिल सोमानी, सी.पी. हेड़ा विशेष रूप से शामिल थे। मुख्य अतिथियों का स्वागत गोपालदास राठी (अतवास) ने किया। कार्यक्रम में रामस्वरूप धूत, प्रकाश अजमेरा, पुरूषोत्तम मानधन्या, श्यामसुंदर सारड़ा, युगलकिशोर राठी, मुरलीधर मानधन्या सहित अभिभावक एवं युवक-युवतियों के साथ ही हजारों की संख्या में समाज बंधु मौजूद थे। संचालन मुरलीधर मानधन्या, वीणा सोनी ने किया एवं आभार पुरुषोत्तम मानधन्या ने माना।
 
समाजसेवियों का सम्मान : इस अवसर पर समाजसेवा के कार्यों में उत्कृष्ट सेवाएं देने पर लखनलाल नागोरी (खंडवा), श्याम होलानी (कांटाफोड), गोपाल मूंगड़ (उज्जैन), प्रहलाददास छापरवाल (सोनकच्छ) का मुख्य अतिथियों द्वारा स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया। 
 
550 प्रविष्टियां हुई प्राप्त : परिचय सम्मेलन में देश-विदेश के उच्च शिक्षित युवक-युवतियों की 1550 से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं। मीडिया प्रभारी अजय सारड़ा ने बताया कि तीन दिवसीय परिचय सम्मेलन के दौरान अन्न की बर्बादी न हो इसके लिए भी अलग समितियों का गठन कर सभी को जिम्मेदारियों सौंपी गई हैं। भोजनशाला में 10-10 लोगों की टीम बनाकर सभी समाज बंधुओं से थाली में झूठन नहीं छोडऩे का संदेश भी दिया गया।