स्कूलों में करियर काउंसलिंग का दौर जारी - ग्रेडिंग से प्राप्त परिणामों का विषय चयन पर खासा असर
परीक्षा परिणामों के बाद सीबीएसई स्कूलों में अब विषय चयन के लिए काउंसलिंग का दौर शुरू हो चुका है। ग्रेडिंग से निकले नतीजों के बाद विद्यार्थियों को श्रेष्ठता और रूचि के आधार पर विषय लेने की सलाह दी जा रही है। अधिकतर स्कूलों में ए1, ए2 व बी1, बी2 ग्रेड पाने वाले विद्यार्थियों को विज्ञान संकाय लेने की सलाह दी जा रही है। जबकि इन्हीं ग्रेड के कई विद्यार्थी रूचि के अनुसार कॉमर्स और अन्य विषयों का चयन भी कर रहे हैं। कई स्कूलों में बच्चों की काउंसलिंग में पालकों की सलाह भी ली जा रही है। अधिकतर की निगाहें गणित पर अच्छी ग्रेड पाने वाले विद्यार्थियों में से अधिकतर की पसंद गणित विषय है। करियर की ज्यादा संभावनाओं और अवसरों को ध्यान में रखकर करीब 60 फीसदी विद्यार्थी गणित को चुन रहे हैं। इसके अलावा करीब 30 फीसदी विद्यार्थी कॉमर्स ले रहे हैं जबकि बायोलॉजी लेने वाले विद्यार्थी महज 10 फीसदी ही हैं। कई विद्यार्थी ऐसे भी हैं जो ए1 और ए2 ग्रेड पाने के बावजूद भी कॉमर्स विथ मेथ्स का चयन कर रहे हैं। पारिवारिक पृष्ठभूमि पर भी नजर पालकों का पेशा भी बच्चों के लिए विषय चयन का बड़ा आधार साबित हो रहा है। कई परिवारों के बच्चे अपने पालकों की सलाह से घरेलू व्यवसाय अथवा पारिवारिक परम्पराओं को ध्यान में रखकर विषय चुन रहे हैं। जिन बच्चों के पालक चार्टर्ड अकाउंटेंट्स हैं वे कॉमर्स ले रहे हैं जबकि इंजीनियरिंग अथवा डॉक्टरी से जुड़े परिवारों के बच्चे मेथ्स और बायो को महत्व दे रहे हैं। विषय चयन में रुचि के साथ ही पारिवारिक पृष्ठभूमि का भी असर देखने को मिल रहा है। पालकों के साथ काउंसलिंग अधिकतर स्कूलों में बच्चों की काउंसलिंग में पालकों को भी शामिल किया जाने लगा है ताकि बच्चे के निर्णयों में पालक भी सहयोग कर सकें। विषय चयन में परीक्षा परिणामों के साथ ही परिवार की आर्थिक स्थिति, पारिवारिक जिम्मेदारी आदि को भी ध्यान में रखा जा रहा है ताकि बाद में बच्चों को अपना निर्णय बदलना नहीं पड़े। इस तरह उन्हें सुनहरे भविष्य का रास्ता चुनने में मदद दी जा रही है। फोटोः नहीं है।