बुधवार, 25 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. भारत के वीर सपूत
  4. story of caption Yogendra Yadav, you will be shocked
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 10 मार्च 2023 (13:26 IST)

शरीर में धंसी थीं 17 गोलियां, फिर भी ग्रेनेड फेंक पाकिस्‍तानियों को उतारा मौत के घाट, योगेंद्र यादव की कहानी सुन रोंगटे खड़े हो जाएंगे

caption yogendra yadav
दुश्‍मन देशों के साथ भारत के युद्ध का इतिहास भारतीय जवानों की वीरगाथा और उनकी शहादत की कहानियों से भरा पड़ा है। जब वीरता की ये कहानियां कानों में पड़ती हैं तो गर्व होता है कि हम इस धरती पर पैदा हुए। ऐसे ही शौर्य और वीरता की एक कहानी है कैप्‍टन योगेंद्र यादव की।

पाकिस्‍तान के साथ भारत के कारगिल वॉर में 17 गोलियों को अपने हाथ-पैर और सीने पर खाने के बाद भी पाकिस्तानी सैनिकों पर ग्रेनेड से हमला किया और फिर एके-47 से पांच से छह पाकिस्‍तानी जवानों को मौत के घाट उतार दिया। करीब 16 महीनों तक अस्‍पताल में मौत को मात देकर जब योगेंद्र यादव लौटे तो उनके गले में परमवीर चक्र चमचमा रहा था।
जब कैप्‍टन यादव ने खुद अपनी जुबान से अपनी शौर्यगाथा पिछले दिनों केबीसी में सुनाई तो अहसास हुआ कि ऐसी वीरता और बलिदानों से ही आज भी हिंदुस्‍तान अटल और अखंड है। योगेंद्र यादव बुलंदशहर के औरंगाबाद के रहने वाले हैं। उन्‍हें टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति (कर्मवीर) में आमंत्रित किया गया था। जहां उन्‍होंने शो के एंकर अमिताभ बच्‍चन के सामने कारगिल वॉर में अपने पराक्रम का पूरा किस्‍सा सुनाया था। हाल ही में कैप्‍टन योगेंद्र यादव ने एक बार फिर से अपने ट्विटर अकांउट से केबीसी का यह वीडियो शेयर किया है।

शौर्यगाथा सुन भावुक हुए अमिताभ बच्चन : केबीसी में योगेंद्र यादव ने बताया कि कारगिल युद्ध में 16500 फुट ऊंची टाइगर हिल 30 डिग्री तापमान में बर्फ से ढकी थी। चारों तरफ बर्फ ही बर्फ। पता ही नहीं चलता था कि किधर हिंदुस्‍तान है और किस तरफ पाकिस्‍तान। ऐसे मौसम में योगेंद्र यादव 20 जवानों के साथ तीसरी रात की सुबह टाइगर हिल की चोटी के पास पहुंचे थे, तभी पाकिस्तानी सेना ने देख लिया और गोलियों की बौछार कर दी। भारतीय जवानों ने अदम्य साहस दिखाया और कुल 7 जवान हिल पर पहुंच गए। शेष जवान शहीद हो गए थे। फिर 6 और जवान घायल हो गए। योगेंद्र अपने साथी को चिकित्सीय सेवा दे रहे थे कि इसी दौरान उनके सामने दुश्मन की गोली उनके दोस्त के सिर को पार करती हुई निकल गई। यह दृश्‍य याद कर के उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

पूरे शरीर में धंसी थी गोलियां : जिस वक्‍त उनके साथियों पर गोलियां बरस रही थी, ठीक इसी वक्‍त योगेंद्र यादव को भी कई गोलियां लगीं। वह जख्मी होकर गिर पड़े। उनके हाथ और पैर में कई गोलियां धंसी थी। वे ईश्‍वर से प्रार्थना कर रहे थे कि बस सीने और सिर में गोली न लगे ताकि इतनाभर जिंदा रहे कि अपने बचे हुए साथियों को पाकिस्‍तान का प्‍लान बता सके। लेकिन एक पाकिस्‍तानी ने उनके सीने पर रायफल रख दी और गोली चला दी। योगेंद्र बताते हैं कि ऊपर की जेब में रखे पांच –पांच रुपए के सिक्‍कों की वजह गोली पूरी तरह से सीने में नहीं धंस सकी और वे उस समय तो बच गए। पूरे शरीर में 17 गोलियां लग चुकीं थी। जिससे योगेंद्र बेहोश हो रहे थे तभी एक पाकिस्तानी सैनिक का पैर उनके शरीर से टकराया। उनके पास एक ग्रेनेड रह गया था। उन्होंने हथियार लूटकर जा रहे पाकिस्तानी दुश्मनों पर ग्रेनेड फेक दिया। इसमें कई दुश्मनों की मौत हो गई जो बचे वह जान बचाकर भागे। आखिरकार भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना पर हमला कर टाइगर हिल पर फतह हासिल कर ली।

16 महीने तक लड़ी मौत से जंग : योगेंद्र करीब 16 महीने तक अस्पताल में रहे। पहले वे श्रीनगर में भर्ती रहे बाद में उन्‍हें दिल्‍ली रैफर कर दिया गया। अस्‍पताल में ही उनके वरिष्‍ठ साथियों ने उन्‍हें परमवीर चक्र मिलने की सूचना दी। साल 2000 में महज 19 साल के योगेंद्र यादव को तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन ने परमवीर चक्र भेंट किया। अब तक देश में 21 जांबाजों को परमवीर चक्र मिला है। इनमें से योगेंद्र सिंह यादव सूबेदार मेजर और संजय कुमार सूबेदार के तौर पर सेना में सेवा दे रहे हैं। केबीसी में जब अमिताभ बच्‍चन ने योगेंद्र यादव से पूछा कि इतना जुनून कहां से आया तो वे बताते हैं इस देश को मां कहते हैं। इसकी मिट्टी में ही वो वीरता और जुनून है कि मैदान में लड़ते हुए पता नहीं  कहां से वो शक्‍ति आ जाती है।
edited by navin rangiyal
ये भी पढ़ें
H3N2 इन्फ्लुएंजा से कर्नाटक-हरियाणा में पहली बार 2 मौतें, कोरोना की तरह है फैलने का पैटर्न