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Written By Author अनवर जमाल अशरफ

आउडी (Audi) कारों का शहर इंगोल्श्टाट...

आउडी (Audi) कारों का शहर इंगोल्श्टाट... - Ingolstadt, The City of Audi cars
सैर कर दुनिया की ग़ालिब जिन्दगानी फिर कहां!
जिन्दगानी ग़र रही तो, नौजवानी फिर कहां!!"
 
तो आइए हमारे साथ करें दुनिया की ऐसी जगहों की सैर जो न केवल घूमने के लिए बल्कि अपनी किसी खासियत के लिए भी मशहूर है, जर्मनी से हमारे विशेष संवाददाता अनवर जमाल अशरफ लाए हैं कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में खास जानकारी और तस्वीरें, इस बार अनवर बता रहे हैं जर्मनी के एक ऐसे शहर के बारे में जो विश्व विख्यात कारण निर्माता कंपनी ऑउडी (Audi) का घर है....


जर्मनी के बवेरिया राज्य में एक छोटा सा शहर है – इंगोल्श्टाट। शहर के पास पहुंचते ही सड़कों पर सिर्फ आउडी कारें दिखने लगती हैं। हर रंग और हर मॉडल की आउडी। लगता है कि मानों शहर वालों को आउडी से प्यार है। और हो भी क्यों ना, आखिर सौ सालों से यह कार ही तो इंगोल्श्टाट की पहचान है।
सिर्फ सवा लाख की आबादी वाले इस शहर में आउडी का मुख्यालय है। आउडी ने यहां एक म्यूजियम भी बनाया है, जिसे देखने कई लोग आते हैं। जर्मनी तीन बड़ी कार कंपनियों के लिए जाना जाता है – मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू और आउडी। तीनों ही कारों का मुख्यालय दक्षिणी जर्मनी में है। मर्सिडीज बेंज श्टुटगार्ट शहर में है, जबकि बीएमडब्ल्यू म्यूनिख में। आउडी का इंगोल्श्टाट मुख्यालय भी इन दोनों से ज्यादा दूर नहीं।
नाम की कहानी, कैसे पड़ा यह नाम.. 

चार रुपहले छल्लों वाली आउडी दूसरी कारों से हट कर है। ऑगस्ट होर्शे नाम के जर्मन इंजीनियर ने लगभग उसी वक्त अपनी कार कंपनी तैयार की थी, जब उन्नीसवीं सदी में मर्सिडीज बेंज ने दुनिया को पहली कार दी थी। उस वक्त उनकी कार होर्शे नाम से आती थी। बाद में थोड़ा विवाद और आर्थिक मंदी ने आउडी की रफ्तार ढीली कर दी।
साझीदारों से झगड़े की वजह से होर्शे को अपने ही होर्शे ब्रांड का इस्तेमाल छोड़ना पड़ा। तब उन्होंने दूसरी कंपनी बनाई और जिस वक्त नए नाम की चर्चा चल रही थी, लैटिन पढ़ने वाले उनके बेटे ने आउडी नाम सुझाया। जर्मन भाषा में होर्शे और लैटिन भाषा में आउडी का एक ही मतलब होता है। आउडी नाम जम गया और कंपनी ने 1 नाम का अपना लोगो तैयार कर लिया।
फिर ये छल्ले कहां से आए:  आउडी में सीनियर ऑफिसर मारियेके होफमन बताती हैं कि आर्थिक मंदी के दौरान चार कंपनियों को मिला कर नई कंपनी और नया लोगो तैयार किया गया, “मजेदार बात यह रही कि जो चार कंपनियां साथ आईं, उनमें होर्शे नाम की कार कंपनी भी थी, जो बुनियादी तौर पर आउडी ही तो थी।” हर एक छल्ला एक कंपनी का प्रतिनिधित्व करता है। 
कौन से हैं टूरिस्ट स्पॉट, कैसे पहुंचे और कैसे बचाएं पैसे...  

आउडी के सौ साल के इतिहास को समेटे इस म्यूजियम में अलग अलग काल की पुरानी कारें गवाह के तौर पर अपने दर्शकों का स्वागत करती हैं। लकड़ी से बनी पुरानी कारें, जो आज भी चमचमाती हैं। इनमें एक ऐसा मॉडल भी है, जिसकी सिर्फ एक कार बनी। यह कार आउडी के निदेशक के लिए बनाई गई थी और बाद में यह अमेरिका पहुंच गई। आउडी ने बड़ी मुश्किल से इसे किसी तरह दोबारा हासिल किया। 
टूरिस्ट स्पॉटः आप चाहें, तो आउडी म्यूजियम को टूरिस्ट स्पॉट मान लें, चाहें तो बिजनेस सेंटर। इंगोल्श्टाट आने के लिए यह सबसे बड़ा बहाना है और अगर कारों में रुचि है तो जर्मनी के दौरे में इंगोल्श्टाट के लिए थोड़ा वक्त जरूर शामिल करना चाहिए। म्यूजियम में तसल्ली होने के बाद सिटी सेंटर जाया जा सकता है, जहां मध्यकालीन इमारतें हैं। इस शहर को बवेरिया प्रांत के गौरवों में गिना जाता है और यहां बवेरियाई सेना का म्यूजियम भी है।
कहां ठहरें: इंगोल्श्टाट में कई होटल हैं लेकिन यहां औसत तौर पर होटल महंगे हैं। वैसे तो यहां ठहरने की जरूरत नहीं क्योंकि यह म्यूनिख से बहुत पास है और दिन भर का ट्रिप काफी है। लेकिन अगर ठहरने का फैसला करना हो, तो होटलों की बुकिंग पहले करा लेनी चाहिए। कई बार म्यूनिख में जब बड़ी प्रदर्शनियां होती हैं, तो इंगोल्श्टाट तक के होटल भरे होते हैं। 
कैसे पहुंचें: इंगोल्श्टाट म्यूनिख से सिर्फ 80 किलोमीटर की दूरी पर है। तेज रफ्तार वाली ट्रेन से यहां सिर्फ आधे घंटे में पहुंचा जा सकता है, जबकि लोकल ट्रेन या कार से एक घंटे से कम वक्त में म्यूनिख से इंगोल्श्टाट पहुंचा जा सकता है। सिर्फ एक घंटे की दूरी के बावजूद टैक्सी नहीं लेनी चाहिए क्योंकि जर्मनी में टैक्सी बहुत महंगी है और एक तरफ के लिए 125 यूरो (लगभग 10,000 रुपये) तक लग सकते हैं।
आगे जानिए इंडियन कनेक्शन.... 

भारत से जुड़ावः इंगोल्श्टाट स्कूल ऑफ मैनेजमेंट को जर्मनी के टॉप 10 यूनिवर्सिटियों में गिना जाता है, जबकि अप्लाइड साइंसेज यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी की पढ़ाई होती है और कई भारतीय छात्रों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मंजिल है। आम तौर पर इंगोल्श्टाट में रहने वाले भारतीय पार्टी के लिए म्यूनिख निकल जाते हैं।

आउडी के आईटी विभाग में कुछ भारतीय काम करते हैं लेकिन इसके अलावा शहर में इंडियन की संख्या बहुत नहीं है। फिर भी एक दो इंडियन रेस्त्रां यहां मिल जाएंगे, जिनमें ताज महल नाम के रेस्त्रां की अच्छी पूछ है।