उन्होंने इसके साथ ही केसरिया किनारी वाला सफेद गमछा भी डाल रखा था, जिसका वह कोविड-19 के मद्देनजर अपना मुंह और नाक ढकने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
शानदार बहुमत के साथ दूसरी बार सत्ता में आने के बाद मोदी ने पिछले साल लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर अपना छठा भाषण देते समय भी रंग-बिरंगा साफा पहना था।
उन्होंने 2014 में स्वतंत्रता दिवस पर अपने पहले भाषण में गहरे लाल और हरे रंग का जोधपुरी बंधेज साफा पहना था।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में पीले रंग का साफा पहना था, जिस पर अलग-अलग रंगों की धारियां थीं, जबकि 2016 में उन्होंने गुलाबी और पीले रंग का लहरिया ‘टाई एंड डाई’ साफा चुना था।

गणतंत्र दिवस समारोहों में भी कच्छ के लाल बंधनी साफे से लेकर पीले राजस्थानी साफे तक, मोदी के साफे लोगों का ध्यान आकर्षित करते रहे हैं।
देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ऐतिहासिक लाल किले पर इस वर्ष कोविड-19 महामारी की छाया स्पष्ट रूप से दिखायी दी, जहां सभी कुर्सियों पर मास्क, सैनिटाइजर, एक जोड़ा दस्ताने युक्त किट रखी हुई थी तथा कुर्सियों को इस प्रकार से रखा गया था कि सामाजिक दूरी के मानकों का पालन हो सके।
लाल किले पर आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में हर साल काफी भीड़ रहती थी और अलग-अलग आयु वर्ग के लोग काफी उत्साह से इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते थे, लेकिन इस वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण निर्धारित सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए लोगों की संख्या कम रखी गई। (भाषा)