गुरुवार, 28 नवंबर 2024
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Written By शराफत खान

आजादी के 61 वर्ष बाद भारतीय क्रिकेट

भारतीय क्रिकेट का उजला भविष्य

आजादी के 61 वर्ष बाद भारतीय क्रिकेट -
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सभी जानते हैं कि क्रिकेट अंग्रेजों की देन है, अंग्रेज क्रिकेट को 17वीं सदी के आरंभ में भारत लेकर आए। आजादी से पहले ही भारत में क्रिकेट का दौर प्रारंभ हो गया था और उसकी राष्ट्रीय टीम ने विश्व क्रिकेट में दखल देना शुरू कर दिया था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का आगमन 1932 में हुआ था, जब उसने इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला।

आजादी से लेकर आज तक यदि भारतीय क्रिकेट का आकलन करें तो पता चलता है कि भारत ने विश्व क्रिकेट पर अपनी छाप छोड़ते हुए कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं।

आजादी के बाद क्रिकेट में भारत का प्रदर्शन दोयम दर्जे का ही रहा। टेस्ट क्रिकेट में भारत को पहली जीत वर्ष 1951-52 में मिली जब उसने मद्रास (अब चेन्नई) में इंग्लैंड को हराया था।
1932 में अपना पहला टेस्ट खेलने के बाद भारतीय टीम को पहली जीत के लिए 20 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा। विजय हजारे की कप्तानी में भारत ने पहली जीत दर्ज की।

‍1971 का भारतीय टीम का वेस्टइंडीज दौरा भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। बेहद मजबूत वेस्टइंडीज टीम को उसी की धरती पर हराने का कारनामा भारतीय टीम ने कर दिखाया था। यह भारत की विदेशी धरती पर पहली टेस्ट श्रृंखला विजयी थी। लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर इसी श्रृंखला की खोज रहे।
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इस टेस्ट श्रृंखला के ठीक छह साल बाद 1976 में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज की ही धरती पर एक और कारनाम कर दिखाया। काली आँधी के तेज आक्रमण के सामने भारतीय टीम को चौथी पारी में जीत के लिए 403 रनों की विशाल लक्ष्य मिला, जिसे उसने सुनील गावस्कर, अंशुमन गायकवाड़ के शतकों और मोहिंदर अमरनाथ की बेहतरीन पारी की बदौलत हासिल कर लिया। इस मैच में विजयी रन ब्रजेश पटेल (नाबाद 49 रन) ने लिया। यह विश्व क्रिकेट में पहला मौका था, जब किसी टीम ने 400 से ज्यादा रनों का लक्ष्य भेदा। यह रिकॉर्ड भारतीय टीम के नाम 25 वर्षों से भी अधिक समय तक रहा। यह पल भारतीय क्रिकेट इतिहास में अमर है।

1983 की विश्वकप विजय के बारे में हर क्रिकेट प्रेमी जानता है। क्रिकेट प्रेमी तो दूर, कोई भारतीय खिलाड़ी भी उस समय विश्व कप जीतने के बारे में सोच नहीं रहा था। भारत के सलामी बल्लेबाज श्रीकांत की तब नई-नई शादी हुई थी। उन्होंने अपनी पत्नी से मजाक करते हुए कहा था कि हम इंग्लैंड विश्व कप जीतने नहीं बल्कि हनीमून मनाने जा रहे हैं। तब कौन जानता था कि कपिल के जाँबाज खिलाड़ी इतिहास रचने जा रहे हैं।