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Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 18 मार्च 2025 (17:15 IST)

Shimigo Festival: रंगपंचमी के दिन गोवा में हिन्दू कार्निवाल की रहेगी धूम

Shimigo Festival:  रंगपंचमी के दिन गोवा में हिन्दू कार्निवाल की रहेगी धूम - shigmo festival in goa o n rang panchami
Rangpanchami 2025: गोवा को प्राचीन समय में गोपराष्ट्र कहते थे। 19 मार्च 2025 को पूरे देश में रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा, उसी दिन गोवा में इस उत्सव की खास धूम रहेगी। यहां पर इस त्योहार को शिमिगो के रूप में मनाया जाता है। यानी गोवा में रंगपंचमी को वहां की स्थानीय संस्कृति के अनुसार मनाया जाता है। इसे शिमगो, शिमगा, शिग्मो या शिगमोत्सव के भी नाम से भी जाना जाता है। यह कोकणस्थ लोगों का त्योहार है।
 
1. शिमिगो उत्सव: शिमिगो उत्सव की शुरुआत तो होलिका दहन से ही हो जाती है। पहले दिन ग्राम देवता को नहलाया जाता है और केसरिया रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं। 5वें दिन रंगपंचमी को शिमिगो कहते हैं। 
 
2. मछुआरों का उत्सव: यह त्योहार यहां के मछुआरों के बीच खासा लोकप्रिय है। इस त्योहार में रंगों के अलावा लोग जमकर नाच-गाना, खाना-पीना और आमोद-प्रमोद करते हैं।
 
3. नववर्ष के आगमन की खुशी में मनाते हैं त्योहार: यह त्योहार नववर्ष के आगमन की खुशी में भी मनाते हैं। वर्ष के अंतिम माह फाल्गुन की पूर्णिमा और नए वर्ष के प्रथम दिन चैत्र माह के परेवा का संगम होता है और इसके बाद भी उत्सव मनाते हैं।
 
4. सात्विक भोजन: इस त्योहार के दौरान, लोग मांसाहारी भोजन और शराब के सेवन से दूर हो जाते हैं। शुद्ध और सात्विक भोजन करते हैं।
 
5. हिन्दू कार्निवाल: इसे गोवा के हिन्दू लोग कार्निवल के नाम से भी जानते हैं। शिग्मो महोत्सव गोवा में रहने वाले हिन्दुओं के लिए सबसे बड़े समारोह में से एक है। इसे योद्धाओं का उत्सव भी कहते हैं। शिगमोत्सव का त्योहार रंग, वेशभूषा, नृत्य, संगीत और परेड के साथ मनाया जाता है। परेड के माध्यम से पारंपरिक लोक नृत्य और पौराणिक दृश्यों का चित्रण किया जाता है। उत्सव के दौरान लोग रंग-बिरंगी पोशाक पहनते हैं, रंगीन झंडे लहराते हैं और ढोल ताशा, बांसुरी जैसे संगीत वाद्ययंत्र बजाते हैं। ढोल पीटते हैं और बांसुरी बजाते हुए गाँव के मंदिरों में एकत्रित होते हैं। गोवा में विभिन्न दिनों में विभिन्न स्थानों पर ये झांकियां निकाली जाती हैं। 
 
6. गोवा के बाहर भी है इस उत्सव की धूम : छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कुछ हिस्से में गोंड़ी भाषी लोग होली को शिमगा सगगुम पाबुन कहते हैं। यहां के स्थानीय भाषा में शिवजी को शंभू शेक कहा जाता है। गोवा में माघ मास की पूर्णिमा और फाल्गुन की पूर्णिमा तक अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें शंभू शेक नरका (महाशिवरात्रि) और शिमगा प्रमुख हैं।