क्या दो देशों के बीच हो सकती है परमाणु हथियार की खरीद फरोख्त?, जानिए क्या हैं नियम
can any country sell nuclear bombs like other weapons: परमाणु बम! यह नाम सुनते ही
विनाशकारी शक्ति और वैश्विक तबाही की कल्पना मन में आती है। अन्य हथियारों जैसे बंदूकों, मिसाइलों या टैंकों के विपरीत, परमाणु हथियार सिर्फ युद्ध के मैदान तक सीमित नहीं होते, बल्कि पूरी मानवता के अस्तित्व के लिए खतरा बन सकते हैं। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कोई देश इन्हें आसानी से खरीद या बेच सकता है? असल में परमाणु हथियारों का व्यापार अन्य हथियारों की तरह नहीं होता और इसके लिए बेहद सख्त अंतर्राष्ट्रीय नियम और संधियाँ मौजूद हैं। आइये जानते हैं परमाणु हथियार की खरीद फरोख्त को लेकर क्या हैं नियम:
परमाणु अप्रसार संधि (NPT) की अहमियत
परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए 1970 में परमाणु अप्रसार संधि (NPT) लागू की गई थी। यह संधि परमाणु हथियारों के नियंत्रण और उनके शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। इस संधि के तहत, दुनिया के पांच देशों - संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और चीन - को परमाणु हथियार संपन्न देश (Nuclear Weapon States - NWS) के रूप में मान्यता दी गई है। इन देशों ने 1 जनवरी, 1967 से पहले परमाणु हथियारों का निर्माण और परीक्षण कर लिया था।
NPT के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
• अप्रसार: परमाणु हथियार-मुक्त देशों को इन हथियारों को हासिल करने से रोकना।
• निरस्त्रीकरण: परमाणु हथियार संपन्न राज्यों को निरस्त्रीकरण की दिशा में प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करना।
• शांतिपूर्ण उपयोग: सभी सदस्य देशों को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के सुरक्षा उपायों के तहत परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए उपयोग करने की अनुमति देना।
हालांकि भारत, पाकिस्तान, इज़राइल और उत्तर कोरिया ने इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। उत्तर कोरिया ने तो इस संधि पर हस्ताक्षर करने के बाद उसका उल्लंघन किया और बाद में इससे बाहर भी आ गया।
ALSO READ: यदि परमाणु युद्ध हुआ तब भी सुरक्षित होंगे ये 5 देश, जानिए नाम और कारण
क्या कोई देश परमाणु बम बेच सकता है?
तकनीकी और कानूनी रूप से, कोई भी देश किसी दूसरे देश को परमाणु बम या उनकी प्रौद्योगिकी नहीं बेच सकता। संयुक्त राष्ट्र और अन्य परमाणु शक्ति संपन्न देश इस बात पर कड़ी नजर रखते हैं कि कोई भी देश परमाणु हथियार या उनकी तकनीक किसी दूसरे देश को हस्तांतरित न करे। ऐसा करना अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन माना जाएगा और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जिनमें प्रतिबंध और अन्य अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय नियंत्रण और चुनौतियां
परमाणु हथियारों के नियंत्रण के लिए विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संधियां और संगठन काम करते हैं, जैसे:
• परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG): यह परमाणु प्रौद्योगिकी और सामग्री के निर्यात को नियंत्रित करने वाले दिशानिर्देशों का एक समूह है, जिसका उद्देश्य परमाणु अप्रसार को बढ़ावा देना है।
• व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT): यह संधि परमाणु हथियारों के परीक्षणों पर रोक लगाती है, हालांकि यह अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं हुई है।
• परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि (TPNW): यह परमाणु हथियारों को व्यापक रूप से प्रतिबंधित करने वाला पहला कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय समझौता है, जिसका अंतिम लक्ष्य उनका पूर्ण उन्मूलन है।