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  4. Vaivaswat Saptami 13 July 2024
Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 12 जुलाई 2024 (18:01 IST)

13 जुलाई को वैवस्वत मनु पूजा, जानें क्यों करते हैं पूजन?

Vaivaswat Saptami
Highlights 
 
वैवस्वत सप्तमी पर करें सूर्यदेव का पूजन। 
वैवस्वत मनु पूजा कब है 2024 में।  
 वैवस्वत मनु कौन हैं। 

Vaivaswat Saptami 2024 : हिन्दू कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को वैवस्वत/विवस्वत सप्तमी मनाई जाती है। इस दिन सूर्य देवता और उनके पुत्र वैवस्वत मनु का पूजन करने का विधान है। 
कब है वैवस्वत मनु पूजा : वर्ष 2024 में 13 जुलाई, दिन शनिवार को वैवस्वत सप्तमी मनाई जा रही है। मान्यता के अनुसार आषाढ़ शुक्ल सप्तमी के दिन सूर्यदेव की पूजा करने से जीवन सारी परेशानियां दूर होती हैं, भाग्य का साथ मिलने के साथ-साथ मनुष्य की यश, कीर्ति बढ़ती है और आरोग्य संबंधी परेशानियां भी समस्या दूर होने लगती है।

शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00।
 
राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक।
 
क्यों करते हैं पूजा : धार्मिक मान्यता के मुताबिक द्रविड़ देश के राजर्षि सत्यव्रत/ वैवस्वत मनु के समक्ष भगवान श्रीविष्णु ने मत्स्य रूप में प्रकट होकर कहा था कि आज से 7वें दिन जल प्रलय के समुद्र में सम्पूर्ण भूमि डूब जाएगी, तब तक एक नौका बनवा लो। तुम समस्‍त प्राणियों के सूक्ष्‍म शरीर तथा सभी प्रकार के बीजों को लेकर सप्‍तर्षियों के साथ उस नौका पर चढ़ जाना। 
 
जब प्रचंड आंधी-तूफान के कारण नाव डगमगाने लगेगी, तब मैं मत्स्य रूप में आकर तुम सभी को बचाऊंगा। तुम लोग नाव को मेरे सींग से बांध देना और प्रलय के ख़त्म होने तक मैं तुम्‍हारी नाव खींचता रहूंगा। अतः उस समय भगवान मत्स्य ने नौका को हिमालय की चोटी ‘नौकाबंध’ से बांध दिया। और तब प्रलय समाप्‍त होने पर भगवान ने वेद का ज्ञान वापस दिया। इस तरह ज्ञान-विज्ञान से युक्‍त होकारण ही राजा सत्‍यव्रत वैवस्‍वत मनु कहलाए। और उक्त नौका में जो लोग बच गए थे उन्हीं से संसार में जीवन चल रहा हैं।

इसीलिए इसी महानतम घटना की याद में आषाढ़ माह के शुक्ल सप्तमी के दिन वैवस्वत मनु की पूजा की जाती है। बता दें कि मां इसी दिन ताप्ती जयंती भी मनाई जाती है और ताप्ती नदी की पूजा की जाती हैं। मान्यतानुसार यह व्रत जीवन की सभी परेशानियां दूर करने वाला माना जाता है। 

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