गुरुवार और केले के पेड़ के पूजन का क्या है कनेक्शन
हिन्दू धर्म में गुरुवार के दिन को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इसे सभी वारों में सर्वश्रेष्ठ वार माना जाता है। गुरुवार के बाद रविवार और मंगलवार का नंबर आता है। अधिकतर घरों में गुरुवार का व्रत रखा जाता है। गुरुवार के दिन पीपल और केले की पूजा का खास महत्व माना जाता है। आओ जानते हैं कि गुरुवार का केले के पेड़ से क्या है कनेक्शन।
गुरुवार बृहस्पति ग्रह का वार है। केले का पौधा घर में लगाने से बृहस्पति ग्रह का शुभ फल मिलने लगता है, क्योंकि केले का पौधा बुध और केतु ग्रह का कारक है। इसके घर के आसपास होने से इन ग्रहों के दोष दूर होते हैं परंतु इसे अपनी कुंडली की जांच करने के बाद ही लगाएं। र की चारदीवारी में केले का वृक्ष लगाना शुभ है। बृहस्पति ग्रह का कारक होने के कारण इसे ईशान कोण में लगाना शुभ है। घर के मुख्य द्वार और पिछले हिस्से पर केले के पौधे को न लगाएं। केले के पौधे के आसपास साफ-सफाई रखें। केले के तने में लाल धागा बांधकर रखें।
केले के पौधे में साक्षात भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी विराजमान हैं। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को केले का नियमित भोग लगाने से वे अति प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा करते हैं।
बृहस्पति के दिन श्री हरि विष्णु और गुरु महाराज की पूजा का महत्व माना गया है। धन व समृद्धि के लिए केले के पेड़ की पूजा की जाती है। इसकी नियमित पूजा करने से लक्ष्मी प्रसन्न होती है। माना जाता है कि समृद्धि के लिए केले के पेड़ की पूजा अच्छी होती है। केले के पत्तों में प्रसाद बांटा जाता है और इसी पर भोजन भी खाया जाता है। ऐसा करने से इसके विशेष पोषक तत्व हमारे शरीर में जाकर हमें शांति प्रदान करते हैं।
गुरुवार के दिन केल के पौधे की जड़ में प्रतिदिन जल अर्पित करें। बृहस्पतिवार के दिन विशेष रूप से उसकी पूजा अर्चना करके थोड़ा सा कच्चा दूध भी चढ़ाएं और वहीं पर बैठकर विष्णु-लक्ष्मी से धनवान बनने की कामना करें। कहते हैं कि केले में साक्षात विष्णु और लक्ष्मी का वास होता है। घर में संतान हमेशा सुखी और संकटों से दूर रहती हैं।