Motivational speech : सतत चलने से मिलता लक्ष्य
मशहूर दार्शनिक कन्फ्यूशियस का जन्म 551 ईपू चीन के शानतुंग प्रांत में हुआ था। वे कहते हैं कि अगर आप रुकते नहीं हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना धीरे चल रहे हैं। यानी तेज चलने के बजाय लगातार चलना ज्यादा जरूरी है। अगर मैं दो लोगों के साथ चल रहा हूं तो दोनों से ही सीखूंगा। एक की अच्छी बातें समझकर उनका अनुसरण करूंगा तो दूसरे की खराब बातों को जानकर खुद में सुधार कर लूंगा। हमारी कामयाबी कभी न गिरने में नहीं, बल्कि गिरकर खड़े होने और फिर चलने में है।
कन्फ्यूशियस कहते हैं कि कामयाबी हमारी तैयारी पर निर्भर करती है। ऐसा काम चुनें, जो आपको पसंद हो और इसके बाद आपको एक दिन भी काम नहीं करना पड़ेगा। जहां कभी भी जाएं, अपने पूरे दिल के साथ जाएं, जो भी करें, पूरे दिल से करें, जो आप खुद नहीं करना चाहते, वह दूसरों पर न थोपें। हर चीज में खूबसूरती होती है, लेकिन हर किसी को दिखाई नहीं देती। जरा इसे देखना सीखें।
अंतत: जब यह साफ लगने लगे कि लक्ष्य को पाना नामुमकिन है तो बदलाव अपनी कोशिशों में करें, लक्ष्य में नहीं। बेहद अक्लमंद इंसान और निहायत बेवकूफ इंसान कभी नहीं बदलते।