शनिवार, 14 दिसंबर 2024
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हिन्दी वासंती दोहे : टेसू, सरसों और पलाश...

हिन्दी वासंती दोहे : टेसू, सरसों और पलाश... - vasanti dohe
भ्रमर धरा पर झूमकर बैठा फूलों पास,
कली खिली कचनार की फूले फूल पलाश।


 
टेसू दहका डाल पर महुआ खुशबू देय,
सरसों फूली खेत में पिया बलैयां लेय।
 
बागों में पुलकित कली मंद-मंद मुस्काय,
ऋतु आई मधुमास की प्रीत खड़ी शरमाय।
 
पुरवाई गाती फिरे देखो राग वसंत,
जल्दी आओ बाग में भूल गए क्या कंत।
 
पीत वसन पहने धरा सरसों का परिधान,
अमवा बौराकर खिले पिया अधर मुस्कान।
 
न जाने कब आएंगे पिया गए परदेश,
ऋतु वसंत आंगन खड़ो आया न संदेश।