मंगलवार, 15 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. new contract
Last Updated : सोमवार, 10 मार्च 2025 (15:38 IST)

वसंत ऋतु पर कविता: नव अनुबंध

Hindi poetry
नवगीत
 
नव पृष्ठों पर लिखे जा रहे
जीवन के नव अनुबंध
 
गदराया वासंती टेसू
सेमल पर है
चढ़ी जवानी
नेह प्रेम उल्लास भरी है
मन वसंत की
नई कहानी
वृक्षों ने पीले पातों की
करी विदाई
भारी मन से
नई आस में डाली हिलती
नव कोंपल मुस्काई
तन से।
 
आया है ऋतुराज वसंती
फैली प्रेम सुगंध।
 
नव पल्लव शिशु
खोल रहे दृग
प्रमुदित गेहूं की
बाली है
टेसू सेमल हैं मकरंदी
अमराई गंध निराली है।
होली के रंगों में
जुड़ते
संबंधों के टूटे धागे
हुआ वसंती मौसम प्यारा
पीड़ा पीछे
हम थे आगे।
 
कष्ट दुःख सब पीछे छोड़े
सुख का किया प्रबंध।
 
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)
ये भी पढ़ें
होली पर बनाएं ये खास प्रकार के शर्बत और ठंडाई, जानें सरल 5 विधियां