New Year 2020 Essay: नए साल पर हिन्दी निबंध
वैसे तो पूरी दुनिया में नया साल अलग-अलग दिन मनाया जाता है और भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में भी नए साल की शुरुआत अलग-अलग समय होती है। लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत मानी जाती है, क्योंकि अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से 31 दिसंबर को एक वर्ष का अंत होने के बाद 1 जनवरी से नए कैलेंडर वर्ष की शुरुआत होती है।
इसलिए इस दिन को पूरी दुनिया में नया साल शुरू होने के उपलक्ष्य में पर्व की तरह मनाया जाता है।
नया साल नई उम्मीदें, नए सपने, नए लक्ष्य और नए आइडियाज की उम्मीद देता है, इसलिए सभी लोग खुशी से इसका स्वागत करते है। ऐसा माना जाता है कि साल का पहला दिन अगर उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाए, तो पूरा साल इसी उत्साह और खुशियों के साथ बीतेगा।
हालांकि हिन्दू पंचांग के अनुसार नया साल 1 जनवरी से शुरू नहीं होता। हिन्दू नववर्ष का आगाज गुड़ी पड़वा से होता है। लेकिन 1 जनवरी को नया साल मनाना सभी धर्मों में एकता कायम करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है, क्योंकि इसे सभी मिलकर मनाते हैं। 31 दिसंबर की रात से ही कई स्थानों पर अलग-अलग समूहों में इकट्ठा होकर लोग नए साल का जश्न मनाना शुरू कर देते हैं और रात 12 बजते ही सभी एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं देते हैं।
नया साल एक नई शुरुआत को दर्शाता है और हमेशा आगे बढ़ने की सीख देता है। पुराने साल में हमने जो भी किया, सीखा, सफल या असफल हुए उससे सीख लेकर, एक नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
जिस प्रकार हम पुराने साल के समाप्त होने पर दुखी नहीं होते बल्कि नए साल का स्वागत बड़े उत्साह और खुशी के साथ करते हैं, उसी तरह जीवन में भी बीते हुए समय को लेकर हमें दुखी नहीं होना चाहिए। जो बीत गया उसके बारे में सोचने की अपेक्षा आने वाले अवसरों का स्वागत करें और उनके जरिए जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश करें।
नए साल की खुशी में कई स्थानों पर पार्टी आयोजित की जाती है जिसमें नाच-गाना और स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ-साथ मजेदार खेलों के जरिए मनोरंजन किया जाता है। कुछ लोग धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर ईश्वर को याद कर नए साल की शुरुआत करते हैं।