गुरुवार, 28 नवंबर 2024
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Written By WD

हिन्दी की राहों में फूल खिले यूनिकोड के आने से

हिन्दी की राहों में फूल खिले यूनिकोड के आने से - Unicode
यूनिकोड हिन्दी फॉन्ट के पदार्पण ने इंटरनेट पर हिन्दी की यात्रा को सरल, सहज, और सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वास्तव में यूनिकोड विश्व की सभी मानक लिखित भाषाओं में प्रयुक्त समस्त वर्णों की कोडिंग के लिए क्षमता प्रदान करता है। 
 
आज यूनिकोड की स्वीकृति संपूर्ण विश्व में है। यूनिकोड का आविर्भाव 1991 में हुआ। अक्टूबर 1991 में यूनिकोड का पहला संस्करण 1.0.0 जारी किया गया जिसमें 9 भारतीय लिपियाँ देवनागरी, बंगाली, गुजराती, गुरुमुखी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम तथा उड़िया शामिल की गई। यूनीकोड के आगमन के साथ ही कंप्यूटर भी इस आरोप से मुक्त हुआ कि वह सिर्फ अंग्रेजी के लिए बना है। 
 
यूनिकोड मानक विश्व की लिखित भाषाओं के लिए प्रयुक्त सभी वर्णों के कोडांतरण की क्षमता रखता है। यूनिकोड मानक वर्ण तथा उसके प्रयोग के संबंध में सूचना प्रदान करता है। व्यावसायी वर्ग, भाषाविद्, शोधकर्ता, गणितज्ञ तथा तकनीकी विशेषज्ञ जैसे कंप्यूटर प्रयोक्ताओं के लिए यूनिकोड मानक बहुत ही उपयोगी है। यूनिकोड के आगमन से हिन्दी में खोज करना आसान हुआ और साथ ही हिन्दी प्रेमियों की फॉन्ट पर निर्भरता समाप्त हुई।