हैरी पॉटर और मौत के तोहफे
हैरी पॉटर की सातवीं पुस्तक
स्वाति शैवाल अंततः बुराई पर अच्छाई की विजय, सच की झूठ पर जीत और गलत पर सही की जय का परचम। हैरी और उसके मित्रों, शुभचिंतकों ने आखिरकार वह काम कर दिखाया, जिसके लिए उन्हें दुनिया में भेजा गया था। हैरी पॉटर सीरिज़ की सातवीं और फिलहाल अंतिम पुस्तक का हिन्दी संस्करण मेरे हाथ में है। इसे पढ़ते हुए मैं शिद्दत से ये महसूस कर रही हूँ कि व्यवस्थाएँ और राजनीति किसी एक क्षेत्र विशेष को नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित करती हैं। दुनिया में परिस्थितियाँ सभी जगह लगभग समान ही होती हैं। इसलिए हैरी की कहानी पढ़कर ऐसा लगने लगता है, मानो हम उसे जी रहे हों। हम सभी इस दुनिया में किसी न किसी प्रयोजन के लिए भेजे गए हैं। बहुधा हम इसे समझ नहीं पाते और आम बने रहते हैं, लेकिन तब एक कोई ऐसा व्यक्ति हमारे बीच आता है, जो हम जैसा ही होते हुए हमें उस प्रयोजन को सिद्ध करने के लिए हमें एकजुट कर देता है। वही होता है सच्ची नेतृत्व क्षमता का मालिक और यही सच्चा नेतृत्व हर जंग को जीत के शिखर पर पहुँचाता है। हैरी की कहानी के मामले में भी यही सच है। एक सच्चे व अच्छे नेतृत्व का हैरी का यही गुण उसे आम से खास बनाता है। डम्बलडोर द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी को अपने बूते पर निभाने की जो हिम्मत और मेहनत हैरी दिखाता है, वह कहीं न कहीं हर आम आदमी को विपरीत स्थितियों से लड़ने की प्रेरणा देती है। हमारी असल दुनिया तथा जादू की इस दुनिया में फर्क सिर्फ जादू की छड़ियों का ही है। वरना परिस्थितियाँ लगभग वही हैं, जो असल दुनिया में पनपती हैं। |
अनुवाद हमेशा की ही तरह दिलचस्प तथा सरल है। हैरी पॉटर सीरिज़ की पुस्तकों का हिन्दी तथा अन्य ढेर सारी भाषाओं में अनुवाद असल में उसकी लोकप्रियता का परिचायक है। अपनी भाषा में इस पुस्तक को पढ़ पाने का मज़ा बिलकुल वैसा ही है, जैसा गुड़पट्टी या भुट्टे का मज़ा... |
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यह हैरी का हॉगवर्ट्स में अंतिम वर्ष है, लेकिन हर साल की तरह वह पौने दस नंबर के प्लेटफॉर्म से हॉगवर्ट्स एक्सप्रेस में बैठकर स्कूल नहीं जा रहा है, बल्कि इस बार उसे लॉर्ड वॉल्डेमार्ट से आर-पार की लड़ाई लड़ना है और हमेशा की तरह ही इस बार भी उसके साथ हैं उसके सच्चे दोस्त हर्माइनी और रॉन। इस बार खतरे और भी बड़े हैं और अब हैरी के पास सुरक्षात्मक कवच भी नहीं है। उस पर प्रतिद्वंद्वी के सामने जाने से कुछ ही देर पहले उसे पता चलता है कि उसे अपनी कुर्बानी देना है। क्या इतनी चुनौतियों से निपटकर हैरी अपने लक्ष्य तक पहुँच पाएगा?क्या है होरक्रक्स और मौत के वे तीन तोहफे? उसे इस जंग में किन-किन प्रियजनों को खोना पड़ेगा? आखिर क्या है वो जिम्मेदारी जो हैरी को डम्बलडोर ने सौंपी है? डम्बलडोर की मौत, सीविरियस स्नेप के दुश्मनों से जा मिलने और होरक्रक्सों का रहस्य समझने में लगे हैरी के सामने क्या-क्या मुसीबतें आती हैं? यह सातवीं पुस्तक को पढ़कर पता चलेगा। पुस्तक पिछली सभी कड़ियों की तरह ही रहस्य, रोमांच तथा अद्भुत चीजों के साक्षात्कार से भरी है। अनुवाद हमेशा की ही तरह दिलचस्प तथा सरल है। हैरी पॉटर सीरिज़ की पुस्तकों का हिन्दी तथा अन्य ढेर सारी भाषाओं में अनुवाद असल में उसकी लोकप्रियता का परिचायक है। अपनी भाषा में इस पुस्तक को पढ़ पाने का मज़ा बिलकुल वैसा ही है, जैसा गुड़पट्टी या भुट्टे का मज़ा लेना। हिन्दी में जिन प्रचलित और 'ठेठ' शब्दों का प्रयोग अनुवादक ने किया है, उनका कोई तोड़ नहीं है।* पुस्तक- हैरी पॉटर और मौत के तोहफे * लेखक- जेके रोलिंग * अनुवादक- डॉ. सुधीर दीक्षित * प्रकाशक- मंजुल पब्लिशिंग हाउस प्रालि, 10, निशात कॉलोनी, भोपाल * मूल्य- 325 रुपए