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Written By WD Feature Desk
Last Modified: बुधवार, 5 फ़रवरी 2025 (17:32 IST)

कौन हैं प्रज्ञानंद? विश्व चैम्पियन डी गुकेश को हराया, जानिए 19 साल के युवा खिलाड़ी की प्रेरक कहानी

कौन हैं प्रज्ञानंद? विश्व चैम्पियन डी गुकेश को हराया, जानिए 19 साल के युवा खिलाड़ी की प्रेरक कहानी - Who is r praggnanandhaa
भारतीय शतरंज के युवा सनसनी आर. प्रज्ञानंद ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए टाटा स्टील मास्टर्स 2025 का खिताब अपने नाम कर लिया है। उन्होंने फाइनल में हमवतन और विश्व चैंपियन डी. गुकेश को हराकर यह प्रतिष्ठित खिताब जीता। प्रज्ञानंद यह खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। उनसे पहले महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने यह ट्रॉफी पांच बार जीती है।

 युवा खिलाड़ी की बड़ी सफलता
प्रज्ञानंद की यह जीत बेहद खास है क्योंकि उन्होंने विश्व चैंपियन डी. गुकेश को हराया है। गुकेश भी युवा खिलाड़ी हैं और उन्होंने हाल ही में विश्व चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया था। ऐसे में प्रज्ञानंद की जीत और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। शतरंज, एक ऐसा खेल जो दिमाग और रणनीति की मांग करता है, भारत में हमेशा से लोकप्रिय रहा है। इस खेल में कई महान खिलाड़ी हुए हैं, और उनमें से एक हैं रमेशबाबू प्रज्ञाननंद। प्रज्ञाननंद, जिन्हें प्यार से 'प्रग' कहा जाता है, एक युवा भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर हैं, जिन्होंने अपनी अद्भुत प्रतिभा और मेहनत से विश्व शतरंज में अपनी एक खास जगह बनाई है।

प्रारंभिक जीवन और परिवार
प्रज्ञाननंद का जन्म 10 अगस्त 2005 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था। उनके पिता का नाम रमेशबाबू है, जो एक बैंक कर्मचारी हैं, और उनकी माता का नाम नागलक्ष्मी है, जो एक गृहिणी हैं। प्रज्ञाननंद की एक बड़ी बहन है, वैशाली, जो भी एक शतरंज खिलाड़ी हैं और ग्रैंडमास्टर हैं।

Image Source : Praggnanandhaa Instagram

शतरंज की शुरुआत
प्रज्ञाननंद ने बहुत कम उम्र में शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उनकी माँ ने उन्हें और उनकी बहन को शतरंज सिखाया, ताकि वे टीवी देखने से दूर रहें। प्रज्ञाननंद को जल्द ही इस खेल में रुचि आ गई, और उन्होंने कड़ी मेहनत करना शुरू कर दिया।

उपलब्धियां
प्रज्ञाननंद ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने 2013 में अंडर-8 विश्व शतरंज चैम्पियनशिप जीती। 2016 में, उन्होंने एशिया का सबसे कम उम्र का अंतर्राष्ट्रीय मास्टर बनने का खिताब हासिल किया। 2018 में, प्रज्ञाननंद ने 12 साल, 10 महीने और 13 दिन की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल किया, और वह विश्व के दूसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बने

विश्व शतरंज में पहचान
प्रज्ञाननंद ने विश्व शतरंज में भी अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कई प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भाग लिया है और कई बड़े खिलाड़ियों को हराया है। 2021 में, उन्होंने ऑनलाइन शतरंज टूर्नामेंट में विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराया, जिससे उन्हें काफी प्रशंसा मिली।