Weight Loss Myths : शरीर में फैट (वसा) को लेकर कई मिथक प्रचलित हैं। ये मिथक अक्सर गलत धारणाएं पैदा करते हैं, जिससे वजन घटाने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में मुश्किलें हो सकती हैं। आइए बॉडी फैट से जुड़े इन सामान्य मिथकों का सच जानें।
1. मिथक : कार्डियो एक्सरसाइज ही फैट कम करने का एकमात्र तरीका है
लोग अक्सर सोचते हैं कि घंटों तक कार्डियो करने से ही फैट बर्न होता है। हालांकि, ताकत बढ़ाने वाली एक्सरसाइज (स्टेंथ ट्रेनिंग) भी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है और मसल्स बिल्ड करने में मदद करती है, जो फैट बर्निंग प्रक्रिया को तेज करती है। वर्कआउट का सही संतुलन जरूरी है।
2. मिथक : लो-फैट डाइट से बॉडी फैट कम होता है
अक्सर माना जाता है कि फैट कम करने के लिए लो-फैट डाइट सबसे बेहतर उपाय है। लेकिन सच यह है कि सभी फैट्स हमारे शरीर के लिए हानिकारक नहीं होते। शरीर को सही ढंग से काम करने के लिए हेल्दी फैट्स जैसे ओमेगा-3 और मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स की आवश्यकता होती है। केवल फैट की मात्रा कम करने के बजाय बैलेंस्ड डाइट पर ध्यान देना चाहिए।
3. मिथक : वजन घटाना और फैट कम करना एक ही बात है
वजन कम होना जरूरी नहीं कि फैट कम होने का संकेत हो। यह मांसपेशियों, पानी और फैट के संतुलन पर निर्भर करता है। इसलिए, केवल वजन घटाने पर ध्यान देने के बजाय, बॉडी कंपोजिशन को सुधारने पर फोकस करना चाहिए।
4. मिथक : फैट बर्निंग सप्लिमेंट्स जल्दी परिणाम देते हैं
बाजार में मिलने वाले फैट बर्निंग सप्लिमेंट्स को लेकर कई दावे किए जाते हैं, लेकिन इनका असर अस्थायी हो सकता है और इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। नैचुरल तरीके जैसे डाइट और एक्सरसाइज ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी होते हैं।
5. मिथक : रात में खाने से फैट बढ़ता है
यह पूरी तरह सही नहीं है। फैट बढ़ना कुल कैलोरी इनटेक और एक्सरसाइज पर निर्भर करता है। हालांकि, सोने के तुरंत पहले हाई-कैलोरी और हेवी फूड से बचना चाहिए क्योंकि इससे पाचन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
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