चूना : नपुंसकता और संतानहीनता की रामबाण दवा
कहावत पर जाएं तो यह सही है कि किसी को चूना लगाना अच्छा नहीं है लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि नियमित रूप से आप चूना खाते हैं तो कई असाध्य रोग ठीक हो सकते हैं। आयुर्वेद में चूने के कई प्रयोग बताए गए हैं जिनसे नपुंसकता और स्त्रियों का बांझत्व तक मिटाया जा सकता है। जी, हां वही चूना जो आप पान में खाते हैं,कहा जाता है कि उसमें 70 से अधिक बीमारियां ठीक करने की शक्ति है।
चूना नपुंसकता की कारगार अच्छी दवा मानी जाती है। यदि किसी पुरुष के शुक्राणु नहीं बनते या शारीरिक कमजोरी की वजह से वीर्य पतला हो गया हो तो उसे गन्ने के रस के साथ चूने का सेवन करने से बहुत लाभ होता है। इसके प्रयोग से सिर्फ सालभर में ही वीर्य संबंधित कमियां दूर होती है और भरपूर शुक्राणु बनने शुरू हो जाते हैं। इसी प्रकार से जिन स्त्रियों के शरीर में गर्भाधान के लिए जरूरी अंडे नहीं बनते उन्हें भी गन्ने के रस के साथ चने बराबर चूने का नियमित सेवन करना चाहिए। 12 से लेकर 18 माह में पर्याप्त अंडाणुओ का निर्माण होने लगेगा।
मासिक धर्म की समस्याओं में अचूक दवा है चूना
कई बार स्त्रियों को अनियमित मासिक धर्म या रजोनिवृत्ति के बाद बड़ी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। मासिक धर्म के समय होने वाली पीड़ा के लिए चूना अचूक दवा है। इसके साथ ही जिन महिलाओं को रजोनिवृत्ति (मासिक धर्म बंद) की वजह से समस्याएं हो रही हो उनके लिए भी सबसे अच्छी दवा है चूना।
ध्यान रखने वाली बात है चूना कितनी मात्रा में और किस पदार्थ के साथ लेना है। उक्त समस्याओं के लिए गेहूं के दाने के बराबर चूना हर दिन खाना चाहिए। इसे दाल में, लस्सी में, पानी में घोल कर पीना ही उचित रहता है।