कोरोना वायरस का प्रकोप अभी भी जारी है। इस महामारी से बचाव के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन हर दिन बढ़ते केस और मौत के आंकड़ों के आगे ठीक हो रहे मरीजों की संख्या नहीं दिख रही है। लोगों पर इस वायरस का डर अधिक हावी होने लगा है। इस तरह एक बीमारी के साथ दूसरी बीमारी का डर भी हो रहा है। इस गंभीर स्थिति में कैसे कोरोना से निपटा जाए? क्या करें कि कोरोना कर डर मन से निकल जाए?
वेबदुनिया ने डॉ. वैभव चतुर्वेदी एमडी (साइकेट्री) से चर्चा की।
डाॅ वैभव ने बताया कि, कोरोना के लक्षण, किसी अपने को कोरोना होना, आईसीयू में एडमिट करना इस तरह की खबरें सुनकर लोगों के मन में डर बैठ गया है। भले ही वह स्वस्थ अपने घर में है। लोगों को यही डर रहता है कि उन्हें कोरोना नहीं हो जाए। और अगर हो गया तो मैं मर जाउंगा!। सामान्य भाषा में इसे एंजाइटी डिसऑर्डर कहते हैं। छींक आने पर भी लोग डर रहे हैं और तुरंत विचार आ जाता है कि कोरोना हो गया तो मेरी death ही हो जाएगी।
इस डर को दिल और दिमाग से निकालने के लिए कुछ उपाय है उन्हें जरूर फॉलो करें -
1 भरपूर नींद लीजिए। सुबह उठकर योगा और एक्सरसाइज करें।
2 अपने आपको किसी न किसी गतिविधि में व्यस्त रखें। आप किताबें पढ़ सकते हैं, अपने शौक को पूरा करें।
3 नकारात्मक खबरों से दूर रहें।
आज के वक्त में उन लोगों की सबसे अधिक मौत हो रही है जिन्हें को-मोर्बेडिटी है। को-मोर्बेडिटी मतलब डायबिटीज, हार्ट मरीज, थायरायड, हाइपरटेंशन। इस तरह के मरीजों की मृत्यु अधिक हो रही है। अधिकतर केस माइल्ड और मॉडरेट मतलब बहुत अधिक गंभीर स्थिति में नहीं है। इस स्तर पर आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव है तो आप जल्द ठीक हो सकते हैं।
कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कैसे डर को दूर करें?
यह एक महामारी का समय है। कोई भी देश इस बीमारी से अछूत नहीं है। जितना खतरा दूसरों को है उतना आपको भी है। ऐसा नहीं है कि आप पॉजिटिव आए और आपकी मृत्यु हो जाएगी। हालांकि वैक्सीनेशन के बाद मृत्यु दर में भी कमी आई है।
महामारी की तीसरी लहर भी आ सकती है इसे लेकर डर है। क्या करना चाहिए?
यह महामारी स्पेनिश फ्लू को पूरी तरह से फॉलो कर रही है। उसमें भी तीन लहर आई थी। इसके बाद वह गया था। महामारी ऐसी ही होती है, डरें नहीं। अपने आपको गतिविधियों में व्यस्त रखें।
24 घंटे ही कोरोना का डर लगने पर क्या करें? कोई बीमारी हो सकती है?
डर लगना एक समय तक ठीक है लेकिन यह 24 घंटे तक डर लग रहा है तो यह साइकेट्री इलनेस है यानि मनोरोग बीमारी। तब आपको मनोचिकित्सा की मदद लेना चाहिए।
जी हां, साइकेट्री इलनेस का सही समय पर इलाज नहीं होने पर दूसरी बीमारी हो सकती है। जैसे - हाइपरटेंशन, ह्दय रोग संबंधित बीमारी। अधिक मानसिक तनाव होने पर आपका इम्यूनिटी लेवल भी घटता है।
वहीं अगर पॉजिटिव मरीज सकारात्मक सोच रखेंगे तो वह जल्दी रिकवर होने लगते हैं। विदेशी शोध में भी सामने आ रहा है कि जिन लोगों को कोविड वैक्सीन के दोनों डोज लग गए है। उनमें कोविड का खतरा कम हुआ है। अगर दोनों डोज के बाद भी कोविड हो रहा है तो वह जल्दी रिकवर करने लगे हैं।