हार्मोन असंतुलन को कैसे पहचानें, पढ़ें 5 लक्षण
शरीर में कुछ असामान्यता जैसे सूजन या फिर असहजता महसूस हो, तो यह हार्मोन के असंतुलन के कारण भी हो सकता है। अलग-अलग मानसिक परिस्थितियों से गुजरने पर शरीर के आंतरिक अंगों में संबंधित हार्मोन का सक्रिय होना सामान्य बात है। साथ ही महिलाओं में प्रेग्नेंसी, मासिक धर्म और मेनोपॉज के समय भी हार्मोन का स्त्राव और बदलाव होता है। लेकिन कभी-कभी कुछ दवाओं या स्वास्थ्य समस्याओं के चलते भी हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं।
शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन को समझने के लिए आपको अपने शरीर के प्रति सजग रहने की जरूरत है। अगर आपको यह लक्षण दिखाई दें या महसूस हों तो यह हार्मोन्स का असंतुलन हो सकता है-
1) महिलाओं में मासिकधर्म की समयावधि में परिवर्तन हार्मोन्स के कारण होता है। सामान्यत: 21 से 35 दिन के अंदर शुरू होने वाला मासिक धर्म, यदि महीनों के अंतराल के बाद हो रहा हो या समय पर नहीं हो रहा हो, तो यह एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन्स की अधिकता या कमी का नतीजा हो सकता है। इसके अलावा 40 से 50 की उम्र से पहले मेनोपॉज होना और मासिकधर्म का अनियमित होना, पॉलीस्टिक ओवेरियन सिड्रोम के लक्षण हो सकते हैं।
2) अगर आप पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं या फिर नींद होने के बाद भी आप उससे संतुष्ट नहीं हैं तो आपके हार्मोन्स असंतुलित हो सकते हैं। अंडकोष से स्त्रावित होने वाला हार्मोन प्रोजेस्टेरॉन आपको नींद लेने के लिए प्रेरित करता है। यदि इसका स्तर सामान्य से कम होता है, तो आपको नींद न आने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा एस्ट्रोजेन की कमी से रात में पसीना आने की समस्या हो सकती है जिससे आपकी नींद प्रभावित होती है।
3) मासिक धर्म के समय सा उससे पहले चेहरे पर मुंहासों का होना और बाद में ठीक हो जाना सामान्य है। लेकिन यदि यह मुंहासे आपके चेहरे से हटने का नाम ही न लें, तो यह हार्मोन्स का असंतुलन हो सकता है। खास तौर से मेल हार्मोन एंड्रोजेन, जो महिलाओं और पुरूषों दोनों में पाया जाता है, आपकी तेल ग्रंथि को अत्यधिक सक्रिय कर सकता है, जिसे यह समस्या हो सकती है। इसके अलावा चेहरे पर बाल होना भी इसी का नतीजा हो सकता है।
4) यदि आप हर समय थकान महसूस करते हैं, तो यह सामान्य तौर पर हार्मोन्स के असंतुलन का कारण भी हो सकता है। प्रोजेस्टेरॉन की अधिकता आपको हर समय नींद और थकान महसूस करने के लिए प्रेरित करता है। वहीं थाइरॉइड ग्रंथि थॉइरॉक्सिन का स्त्राव बहुत कम मात्रा में करती है, तो आप ऊर्जा में कमी महसूस करते हैं।
5) अगर आपका आप अपने स्वभाव में अचानक निराशा, दुख या चिड़चिड़ेपन का अनुभव करते हैं, तो यह एस्ट्रोजेन के स्तर में कमी के कारण भी हो सकता है। यह स्थिति आपको आवश्यकता से अधिक खाने के लिए भी प्रेरित करती है। साथ ही आपका वजन भी तेजी बढ़ सकता है। वहीं कुछ स्थितियों में वजन का तेजी से कम होना भी हार्मोन के असंतुलित होने का लक्षण हो सकता है।