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Written By भाषा
Last Modified: कापडवंज , रविवार, 16 दिसंबर 2012 (21:22 IST)

मुश्किल नजर आ रही है शंकर सिंह वाघेला की डगर

मुश्किल नजर आ रही है शंकर सिंह वाघेला की डगर -
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गुजरात में कभी भाजपा के क्षत्रप रहे शंकर सिंह वाघेला अब कांग्रेस के खेवनहार माने जा रहे हैं, लेकिन उनके अपने गढ़ में उनकी चुनावी डगर खासी मुश्किल में नजर आ रही है। इसकी वजह क्षत्रिय मतों का विभाजन होता नजर आना है।

पूर्व मुख्यमंत्री और 5 बार के लोकसभा सांसद रहे वाघेला खेड़ा जिले के कापड़वंज विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ भाजपा के कानूभाई दाबी चुनावी मैदान में हैं। दाबी का ताल्लुक भी क्षत्रिय समुदाय से है। सीट पर कुल 10 उम्मीदवार हैं।

बीते 22 सालों से राज्य की सत्ता से दूर रही कांग्रेस इस बार सरकार बनाने के ख्वाब देख रही है और उसके इस ख्वाब का एक मजबूत पहलू वाघेला भी हैं। इस बार कांग्रेस को पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल की गुजरात परिवर्तन पार्टी और जनता दल-यू से भी अप्रत्यक्ष मदद की उम्मीद है। ये दोनों दल गुजरात में मोदी के खिलाफ बिगुल फूंके हुए हैं, हालांकि इनसे किसी करिश्मे की उम्मीद करना जल्दबाजी होगी।

कापड़वंज विधानसभा क्षेत्र में 2.42 लाख से अधिक मतदाता हैं। इनमें ओबीसी क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या करीब 1.3 लाख मतदाता हैं। यही समुदाय किसी उम्मीदवार की जीत और हार का फैसला करता है।

कापड़वंज से ही वाघेला दो बार लोकसभा के लिए चुने गए, क्योंकि उन्हें ओबीसी क्षत्रियों का भरपूर समर्थन मिला था। इस बार भाजपा उम्मीदवार इसी ओबीसी क्षत्रिय समुदाय से हैं और ऐसे में इस समुदाय का वोट बंटा नजर आ रहा है। वाघेला का ताल्लुक ‘दरबार’ (सवर्ण क्षत्रिय) से है। भाजपा के दाबी इसी सीट से लगे कथलाल विधानसभा क्षेत्र से निवर्तमान विधायक हैं और इलाके में अपने समुदाय के मतदाताओं में खासा प्रभाव है।

कापड़वंज में पटेल समुदाय के मतदाताओं की संख्या 26,000 है। यह पारंपरिक रूप से भाजपा का वोट बैंक है। इस सीट से कांग्रेस विधायक मणिभाई पटेल का टिकट इस बार काट दिया गया। इससे पटेल समुदाय की नाराजगी का सामना वाघेला को करना पड़ सकता है।

मणिभाई का कहना है कि वे टिकट काटे जाने से नाराज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वाघेला का कद इतना बड़ा है कि वे अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी को आराम से पराजित कर देंगे। क्षत्रिय मतदाताओं में विभाजन होगा, लेकिन ज्यादातर वाघेला को समर्थन देंगे। 24,000 मुस्लिम और 18,000 दलित मतदाता भी कांग्रेस के पक्ष में मतदान करेंगे। (भाषा)