जनरल नॉलेज : सी स्टार के बारे में
स्टार फिश नहीं, सी स्टार है यह
सी स्टार्स को अक्सर स्टार फिश कहा जाता है। खास बात यह है कि स्टार फिश असल में फिश है ही नहीं, इसीलिए समुद्री वैज्ञानिकों ने इनके बहु प्रचलित नाम स्टार फिश को बदलकर सी स्टार रखना ही सही समझा। ये अन्य मछलियों की तरह न तो तैरती हैं और न ही सांस लेने के लिए गलफड़ों का उपयोग करती है।सी स्टार एकाइनोडर्मस होते हैं जिनकी दो हजार से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। सभी एकाइनोडर्मस की फाइव पॉइंट रेडियल सिमेट्री होती है। इसका मतलब यह है कि ऐसे जीवों के शरीर के पांच हिस्से होते हैं जो एक सेंट्रल डिस्क से जुड़े होते हैं।सी स्टार समुद्र के अंदर काफी गहराई में भी पाए जाते हैं और उथले पानी में भी। यह धरती के हर समुद्र में पाए जाते हैं पर ताजे पानी में कभी भी नहीं रहते।अधिकतर सी स्टार्स की बाहरी खाल पर कांटे होते हैं जो उनकी अन्य प्रणियों से रक्षा करते हैं। सी स्टार की कई किस्में हैं जो अलग अलग रंगों और पैटर्न में मिलती हैं। हालांकि सी स्टार की पांच भुजा वाली प्रजाती सबसे ज्यादा जानी जाती है लेकिन हर सी स्टार की पांच भुजाएं नहीं होती। कुछ प्रजातियों की तो कई अधिक भुजाएं होती हैं। सनस्टार प्रजाति की तो 40 भुजाएं होती हैं।यदि सी स्टार की कोई भुजा उसके शरीर से अलग हो जाए तो वह उस हिस्से को रीजनरेट कर सकता है। यह विशेषता उसे अपने शिकारी से बचाती है। कई बार जब शिकारी स्टारफिश को पकड़ने की कोशिश करता है तो सी स्टार पीछा छुड़ाने के लिए अपनी एक भुजा को अलग छोड़कर बच निकलती है। फिर यह अंग रीजनरेट होने में एक साल का समय तक लग सकता है। सी स्टार के शरीर के निचले हिस्से में छोटे-छोटे प्रोजेक्शन्स होते हैं जिनको ट्यूब फीट कहा जाता है। इन ट्यूब फीट्स की मदद से ही सी स्टार समुद्र तल पर खिसक पाते हैं। सी स्टार को खाना ढूंढने के लिए ट्यूब फीट बहुत सहायक होते हैं।सी स्टार के दो पेट होते हैं कार्डियक और पायलोरिक। कार्डियक पेट सीस्टार के शरीर में बाहर से खाना अंदर लेता है। पूरा भर जाने पर यह खाने को पायलोरिक पेट में ट्रांसफर कर देता है। सी स्टार की हर भुजा के सिरे पर छोटी-छोटी आंखें होती हैं।