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Written By WD
Last Modified: शनिवार, 15 मार्च 2014 (16:24 IST)

टिकट को लेकर 'आप' में उठापटक

-वेबदुनिया डेस्क

आप
अब तक अन्य मुख्यधारा की बड़ी ‍पार्टियों से अलग होने का दावा करने वाली पार्टी भी कम से कम एक मामले में किसी भी अलग नहीं है। और यह मामला है टिकट की दावेदारी को लेकर मारामारी और चखचख। इस मामले पर तो पार्टी के ही कई बड़े नेताओं की नाराजगी सार्वजनिक हो गई है।
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इसलिए कहा जाता है कि पार्टी की ओर से टिकट बंटबारे को लेकर कुमार विश्वास और शाजिया इल्मी के बयान यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है। टिकट न मिलने से नाराज कुछ लोगों ने जहां अपनी नाराजगी का सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शन किया है, वहीं कुछ ऐसे नेता भी हैं जो कि मन ही मन भरे बैठे हैं, लेकिन किन्हीं कारणों से सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी का इजहार नहीं कर रहे हैं।

जहां तक लोकसभा के लिए टिकटों को दिए जाने की बात है तो इस मामले पर असंतोष पिछले महीने से ही सामने आ रहा है। पार्टी के कई विधायक जैसे राखी बिड़लान लोकसभा का भी टिकट चाहते थे, लेकिन उन्हें यह नहीं मिला। पार्टी के कई नेताओं और टिकट के दावेदारों की नाराजगी का आलम यह है कि वे अब सार्वजनिक तौर पर कहने लगे हैं कि टिकट केवल उन्हीं लोगों को दिए गए जो कि पार्टी प्रमुख केजरीवाल के सीधे सम्पर्क में थे।

इस मामले में पत्रकार आशुतोष को दिया गया टिकट इसका उदाहरण बताया जा रहा है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि टिकट बंटवारे में आम आदमी की उपेक्षा हुई है और केजरीवाल ने आम की बजाय खास लोगों को ही पार्टी के टिकट दिए हैं। बहुत से कार्यकर्ता यह आरोप लगा रहे हैं कि उनकी अनदेखी की जा रही है। इसी नाराजगी के चलते कई कार्यकर्ता पार्टी के कार्यालय के सामने ही अनशन पर बैठते रहे हैं। इतना ही नहीं, टिकटों की बिक्री की बात कही जाने लगी है।

'आप' को छोड़ने वाले एक नेता अश्विनी उपाध्याय ने पार्टी नेतृत्व पर आरोप लगा दिया कि उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद सीट को एक करोड़ रुपए में बेचा गया है। रूहेलखंड के कई नेताओं ने पार्टी के वरिष्ठ नेता संजयसिंह के सामने अपनी नाराजगी का ‍इजहार किया।

इस संदर्भ में उल्लेखनीय है कि दिल्ली में 'आप' की संस्थापक सदस्य मधु भादुड़ी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक अग्रवाल और पूर्व विधायक विनोद कुमार बिन्नी भी पार्टी को छोड़ चुके हैं। इन सभी के आरोप रहे हैं कि टिकट वितरण स्वत्रंत और निष्पक्ष तरीके से नहीं हुआ है।

पार्टी ने देश की दो दर्जन सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, लेकिन इन स्थानों पर भी उठापटक मची हुई है। ऐसी हालत में 'आप' किस हद तक एकजुट होकर चुनाव लड़ पाएगी, यह ही अपने आप में एक बड़ा सवाल बन गया है।