चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों से डरी आप, आयोग को लिखा पत्र
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त वीएस संपत से आग्रह किया कि वे ओपिनियन पोल करवाने वाले संस्थानों और मीडिया के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करे ताकि उनकी विश्वसनीयता बनी रहे और गलत गतिविधियों में लगे लोग आसानी से बचने नहीं पाएं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा कि 'आप' की मांग है कि निर्वाचन आयोग यह (ओपिनियन) सर्वेक्षण करवाने वाले संगठनों और प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश होने चाहिए ताकि गलत गतिविधियों में लगे लोग आसानी से बचने नहीं पाएं।केजरीवाल ने बताया कि वे हाल ही में एक टेलीविजन चैनल द्वारा प्रसारित किए गए स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद मुख्य निर्वाचन आयोग का ध्यान इस ओर आकर्षित करने के लिए यह पत्र लिख रहे हैं।निर्वाचन आयोग के इस फैसले का स्वागत करते हुए कि वे चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद से अंतिम दौर के मतदान तक ओपिनियन पोल की इजाजत नहीं देगा, केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी ओपिनियन पोल पर पूर्ण रोक के हक में नहीं है, लेकिन निर्वाचन आयोग से अनुरोध करती है कि ओपिनियन पोल्स के प्रसारण और प्रकाशन के लिए एक आचार संहिता होनी चाहिए।केजरीवाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग इस संबंध में पहले ही सक्रिय है और उसने जनप्रतिनिधित्व कानून में बदलाव की मांग की है ताकि यह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने में आने वाली ताजा चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो सके और आयोग के इन प्रयासों का स्वागत किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में मैं आयोग से एक बार फिर अनुरोध करूंगा कि वे अपने प्रयासों में तेजी लाए ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान किसी तरह के नियोजित प्रयासों को जनता को गुमराह करने का मौका नहीं मिल पाए।
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इस बीच समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण (एनबीएसए) को लिखे एक और पत्र में केजरीवाल ने अनुरोध किया है कि एक समाचार चैनल द्वारा किए गए और 25 फरवरी को प्रसारित किए गए स्टिंग ‘ऑपरेशन प्राइम मिनिस्टर’ में सामने आए आरोपों की पड़ताल की जाए।