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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 28 अगस्त 2024 (10:56 IST)

Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी पर गणेश स्थापना से पहले कैसे गणपति बप्पा का घर में कराएं मंगल प्रवेश?

Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी पर गणेश स्थापना से पहले कैसे गणपति बप्पा का घर में कराएं मंगल प्रवेश? - Ganpati Utsav Mangal Pravesh
Ganesh Sthapana Vidhi
Highlights  
 
भगवान गणेश का जन्म कब हुआ था।
10 दिवसीय गणेश उत्सव कब से प्रारंभ हो रहे है।
जानें 10 दिवसीय गणेश उत्सव का मंगल प्रवेश कैसे शुरू करें।

Ganesh Chaturthi Sthapana : हिन्दू कैलेंडर वर्ष 2024 में गणेश चतुर्थी या 10 दिवसीय गणेश उत्सव के अंतर्गत श्री गणपति जी की स्थापना 07 सितंबर, दिन शनिवार को हो रही है। धार्मिक मान्यतानुसार प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन 10 दिनों के गणेश उत्सव की शुरुआत होती है।

इस मान्यता के मुताबिक भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन मध्याह्न काल के दौरान भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था। अत: इस दिन गणेश स्थापना और पूजा के लिए यह तिथि और समय बहुत उपयुक्त माना गया है। बता दें कि 17 सितंबर 2024, मंगलवार यानि अनंत चतुर्दशी के दिन श्री गणेश का विसर्जन होगा। हिन्दू पंचांग के मत-मतांतर के चलते गणेश स्थापना 06 सितंबर, शुक्रवार को भी होने की संभावना बताई जा रही है।
आइए यहां जानते हैं कैसे कराएं घर में गणेश जी की मूर्ति का मंगल प्रवेश...
 
जैसा का हम सभी जानते हैं कि इस दिन घर-घर में मिट्टी के गणेश जी की स्थापना होती है। अत: सिर्फ ऐसे नहीं कि आप बाजार गए और गणेश जी की प्रतिमा को खरीदकर लाएं और स्थापित कर दिया। यदि गणेश जी को प्रसन्न करना है तो प्रसन्नतापूर्वक और विधि-विधिपूर्वक श्री गणेश जी का घर में मंगल प्रवेश होना चाहिए।
 
• सबसे पहले आप श्री गणेश जी के आगमन के पूर्व घर-द्वार, घर के मंदिर को सजाया जाता है और जहां गणेश जी को स्थापित किया जाएगा, उस जगह की साफ-सफाई करके कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और हल्दी से 4 बिंदी बनाएं। 
 
फिर एक मुट्ठी अक्षत रखें और इस पर छोटा बाजोट, चौकी या लकड़ी का एक पाट रखकर उस पर पीला, लाल या केसरिया वस्त्र बिछाएं। मतलब यह कि स्थापित करने वाली जगह को पहले से ही सजाकर रखें, साथ ही पूजा और आरती का सामान भी पहले से ही खरीद कर रख लें।
 
• बाजार जाने से पहले नवीन वस्त्र धारण करें, सिर पर टोपी या साफा बांधें, रुमाल भी रखें। पीतल या तांबे की थाली साथ में ले जाएं, नहीं तो लकड़ी का पाट ले जाएं जिस पर गणेश जी विराजमान होकर हमारे घर में पधारेंगे। इसके साथ ही घंटी और मंजीरा भी ले जाएं।
 
• श्री गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय यह ध्यान रखें कि गणेश जी की प्रतिमा बैठी हुई हो, उनके साथ वाहन चूहा तथा रिद्धि सिद्धि हो और सफेद या सिंदूरी रंग की प्रतिमा हो, सूंड बाएं तरफ हो, पितांबर या लाल परिधान पहने हुए हो और लड्डू का थाल हो इन बातों का ध्यान रखते हुए ही मूर्ति खरीदना उचित रहता है।
 
• बाजार जाकर जो भी गणेश जी पसंद आए उसका मोलभाव न करें, उन्हें आगमन के लिए निमंत्रित करके दक्षिणा दे दें। 
 
• फिर गणेश जी की प्रतिमा को धूमधाम से घर के द्वारा पर लाएं और द्वार पर ही उनकी आरती उतारें। 
 
• यदि याद है तो मंगल गीत गाएं या शुभ मंत्रों का उच्चारण करें अथवा बोलें। 
 
• इसके बाद गणपति बप्पा के नारे लगाते हुए उन्हें घर के अंदर ले आएं और प्रसन्नचित्त होकर पहले से तैयार कि गए स्थान पर विराजित कर दें। 
 
• मंगल प्रवेश के बाद विधिवत पूजा और आरती करें। 
 
• माना जाता है कि इस तरीके से किए गए श्री गणेश के मंगल प्रवेश से जीवन के सभी तरह के विघ्न दूर होकर जीवन में भी मंगल ही मंगल होता है, क्योंकि गणेशजी विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता माने गए हैं।

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