अनलिमिटेड गैस सिलेंडर...!!!
- महेंद्र सांघी
हाल ही में सरकार ने वर्ष में घरेलू गैस सिलेंडर की संख्या छ: तक सीमित करके सातवें सिलेंडर की कीमत बढ़ाकर अपने ही हाथों अपनी लोकप्रियता के ग्राफ को नीचे धक्का दे दिया। देश के हर नागरिक, चाहे वह अमीर हो या गरीब सबके मन में सरकार के इस निर्णय ने कड़वाहट घोल दी है। दीपावली के त्योहारी माहौल में यदि सरकार अपनी छवि सुधारना चाहती है, तो उसे अर्थशास्त्र के फंडों के बजाय मार्केटिंग के फंडों को अपना लेना चाहिए। सरकार को चाहिए कि वह पुराने, गंदे, ठुके-पिटे उड़े रंग के सिलेंडर गरीबों को वर्ष में जितने चाहें उतने 500 रु. की कीमत पर ले जाने दें। इससे होने वाले घाटे की पूर्ति अमीर तबके के उन ग्राहकों से की जा सकती है, जो किसी वस्तु के गुणों की बजाय उसकी आकर्षक पैकिंग और विज्ञापन से प्रभावित होकर उसकी असल कीमत से कई गुना अधिक दाम खुशी-खुशी चुकाने के लिए तैयार रहते है। मेरा दावा है कि नए नकोर सूर्ख लाल रंग के सिलेंडर के लिए घर की आंतरिक सज्जा के प्रति सजग कई गृहणियां आसानी से 600 रु.चुकाने को तैयार हो जाएंगी। जिस तरह क्रॉकरी पर आकर्षक फूल-पत्ती बना दिए जाने पर उसकी कीमत बढ़ जाती है, उसी तरह फूल-पत्ती व आकर्षक रंगों से सजे सिलेंडर 700 से 800 रुपयों की कीमत में आसानी से बिकेंगे। ब्रांडेड शूज व कपड़े पहनने वालों के लिए प्लॉस्टिक में लिपटे अनेक तरह के इम्पोर्टेड सिलेंडर्स की रेंज लाई जा सकती है, जिनके एवज में एक से लेकर दो हजार प्रति सिलेंडर वसूले जा सकते हैं।
विदेशी कार में विदेशी कुत्तों को घुमाते और फाइव स्टार होटल्स में दावतें उड़ाते दम्पतियों के लिए विशेष डिजाइनर सिलेंडर लाए जा सकते हैं, जिन्हें वे अपने स्टेटस सिंबल को बनाए रखने की खातिर चार-पांच हजार में भी खुशी-खुशी घर ले जाएंगे। ऐसे ग्राहकों को लुभाने के लिए उन्हें बताया जा सकता हैं कि इन सिलेंडर्स को पेक करते समय हायजीन का ध्यान रखा गया है, ताकि उनके चकाचक किचन में कीटाणु प्रवेश न करें। काला बाजारी को रोकने के लिए कम्पनियां हर सिलेंडर को एक क्रमांक दे सकती है। ऐसी स्थिति में 786, 001, 555, 999 जैसे सभी विशिष्ट नंबरों वाले सिलेंडरों की नीलामी की जाकर अतिरिक्त रकम वसूली जा सकती है। अमीर ग्राहकों को फंसाने के नुस्खे और भी हैं। बस कम्पनी को अपने विज्ञापन में यह बताना होगा कि उनकी गैस में विशिष्ट खुशबू मिलाई गई है, जो कि किचन से प्याज मसालों की दुर्गंध दूर कर देगी और मेहमान घर में प्रवेश करते ही वाह कह उठेंगे। खुशबू के प्रकार के अनुसार अतिरिक्त कीमत लूटी जा सकती है। सरकार अर्थशास्त्रियों के बजाय मार्केटिंग के उस्ताद लोगों पर विश्वास करके देखें, वे एक सिलेंडर दस हजार में भी विज्ञापन देकर बेच देंगे कि इस सिलेंडर की गैस की खुशबू इतनी जानदार है कि यदि लीक हो जाए तो सात समंदर पार से सुंदरियां दौड़ कर आसपास इकठ्ठी हो जाएं। मगर इन सबके लिए सरकार को सिलेंडरों की होम डिलीवरी बंद करनी होगी। तभी अमीर लोग बड़े-बड़े शोरूम्स से खुद गैस खरीदने आएंगे और दूसरों को दिखाकर अपना रौब जमाएंगे कि देखो हम कितना महंगा सिलेंडर वापरते हैं। अंत में अत्यंत गरीब तबके के लोगों को सिलेंडर आधी कीमत पर भी दिया जा सकता है, जो कि मेड इन चाइना होगा और जिस पर वार्निंग लिखी होगी कि 'सावधान रहें, चाइना के मोबाइल की तरह यह फट भी सकता है।'