पैसों का पेड़...
- एमके सांघी
प्रश्न : दद्दू, हाल ही में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्र के नाम अपने एक संबोधन में कहा कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते। क्या उनके द्वारा ऐसा कहा जाना उचित है? उत्तर : प्रधानमंत्री की बात सोलह आने सच है मगर उनके द्वारा यह बात कही जाना निहायत अनुचित है, क्योंकि ऐसा कहकर उन्होंने जनता के मुंह की बात छीन ली। दरअसल जनता प्रधानमंत्री से कहना चाहती है कि माननीय प्रधानमंत्री जी; पैसे पेड़ पर नहीं उगते हैं, अत: मनमानी मूल्यवृद्धि और टैक्स लगा कर महंगाई बढ़ाना बंद कीजिए और राजकीय घाटे की पूर्ति कालाबाजारियों, भ्रष्टाचारियों और घोटालेबाजों की जेब से पैसे निकाल कर कीजिए।