गिर रहे हैं Mutual Funds के दाम, क्या करें, क्या ना करें
दुनियाभर के बाजारों से मिल रहे आर्थिक मंदी के संकेतों के बीच Mutual Funds की NAV में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। आमतौर पर छोटे निवेशक इस स्थिति में घबरा जाते हैं और उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। इन 10 बातों से जानते हैं कि गिरावट के दौर में कम पूंजी से निवेश करने वाले निवेशक क्या करें, क्या ना करें...
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छोटे निवेशकों को SIP के माध्यम से Mutual Funds में लांग टर्म के लिए निवेश करना चाहिए। अगर आप 10 साल के लिए बाजार में निवेश कर रहे हैं तो आप पर मंदी का बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा और अगर आपको घाटा होता भी है तो वह सीमित रहेगा।
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अगर बाजार गिर रहा है तो आपके फंड की वेल्यू कम होगी और बाजार बढ़ने पर आपके घाटे की पूर्ति हो जाएगी। क्योंकि SIP के माध्यम से निवेश करने पर आप मंदी के दौर में भी निवेश करेंगे।
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यदि आप बाजार में 20 हजार रुपए निवेश करना चाहते हैं तो उसे एक साथ न डालकर 500 रुपए की SIP के रूप में म्यूचुअल फंड में निवेश करें। इससे आपका पैसा अलग अलग दिन बाजार में जाएगा और अलग अलग NAV आपके निवेश को हर स्थिति में बैलेंस करने में मददगार होगी।
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भारतीय अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत है कि कोई भी मंदी उसे ज्यादा समय तक प्रभावित नहीं कर सकती है। अत: संयम रखें और बाजार में गिरावट आ रही है तो किसी भी तरह की हड़बड़ी ना दिखाए।
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फिर भी अगर आपको बाजार की गिरावट बैचेन कर रही है तो भी SIP स्टॉप करने से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
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मंदी के दौर में अगर आपको पैसों की आवश्यकता है तो SIP ब्रेक नहीं करें, बल्कि mutual fund से लोन लें।
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जब आप म्यूचुअल फंड से पैसा निकालते हैं तो आपको 3-4 दिन का समय लगता है। लेकिन इस पर लोन लेने की दशा में अगले दिन ही आपके खाते में पैसा आ जाता है। इस तरह आपकी पूंजी भी नहीं टूटती और काम भी नहीं रुकता।
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अगर आपने टैक्स सेविंग फंड में निवेश किया है तो आपको उस पर लोन नहीं मिलता है। यह फंड लॉक रहता है इसलिए उस पर सिक्यूरिटी के रूप में लोन नहीं मिलता है। इसके अलावा आप सभी तरह के म्यूचुअल फंडों पर लोन ले सकते हैं।
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बाजार की तेजी-मंदी लांग टर्म के लिए निवेश करने वालों को शार्ट टर्म निवेशकों की अपेक्षा कम ही प्रभावित करती है।
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म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। अत: आपको यहां निवेश करते समय ही घाटे के लिए भी तैयार रहना चाहिए। हालांकि इसमें रिस्क भी शेयर बाजार की अपेक्षा बहुत कम है।