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Last Updated : बुधवार, 2 नवंबर 2022 (16:28 IST)

कतर का कूलिंग सिस्टम फीफा विश्व कप में खिलाड़ियों के लिए साबित होगा गेम चेंजर

कतर का कूलिंग सिस्टम फीफा विश्व कप में खिलाड़ियों के लिए साबित होगा गेम चेंजर - The cooling system of the qatar stadiums in FIFA could prove to be a game changer
नई दिल्ली: स्पेनिश फुटबॉल लिजेंड लुइस गार्सिया को लगता है कि इस साल के अंत में कतर में होने वाले 2022 विश्व कप में दर्शकों को क्वालिटी फुटबाल देखने को मिलेगा।

इंग्लिश प्रीमियर लीग ( ईपीएल) क्लब लिवरपूल और स्पेनिश क्लब एटलेटिको मैड्रिड के पूर्व विंगर लुइस गार्सिया 2022 फीफा विश्व कप को लेकर उत्सुक हैं। मध्य पूर्व में पहली बार फीफा विश्व का आयोजन होने जा रहा है।टूर्नामेंट की शुरुआत 21 नवंबर को होगी और फाइनल 18 दिसंबर को होगा। विश्व कप मैचों की मेजबानी आठ स्थानों पर होगी और दिलचस्प बात यह है कि उनमें से अधिकांश में एडवांस कूलिंग तकनीक है जो तापमान को कम और आरामदायक बनाए रखता है।

इससे पहले भी कतर की यात्रा कर चुके गार्सिया ने कहा कि एडवांस कूलिंग तकनीक एक क्रांतिकारी विचार है जो खिलाड़ियों के लिए गेमचेंजर साबित होगा। गार्सिया ने कहा, "हां बिल्कुल। अगर खिलाड़ियों को मैदान पर उतरना है तो उनके लिए ऐसा करने के लिए सबसे अच्छी परिस्थितियां होनी चाहिए। और फिर कतर में ऐसा करने का एकमात्र तरीका तापमान को कम करना है।”
 

गार्सिया हाल ही में मौजूदा बार्सिलोना बॉस ज़ावी हर्नांडेज़ से जुड़े मैचों को देखने के लिए कतर में थे और इस दौरान उन्होंने कूलिंग टेक का अनुभव किया था। जावी उस समय कतरी क्लब अल साद के कोच थे। गार्सिया ने खुलासा किया कि विश्व कप स्टेडियमों के अंदर का तापमान कई मौकों पर काफी कम था और इस कारण उन्हें सर्दी का अहसास हो रहा था।

गार्सिया ने कहा, " जब जावी अल साद के मैनेजर थे तब मैं कतर गया था। मैंने विश्व कप स्टेडियमों में कई मैच देखे और महसूस किया कि स्टेडियमों के अंदर कई बार अच्छी-खासी सर्दी होती थी। जब कूलिंग सिस्टम पूरी क्षमता के साथ काम कर रहा होता है तब तापमान बहुत गिर जाता है। खिलाड़ियों के लिए यह महत्वपूर्ण है।”

अपने क्लब करियर में भारत और ऑस्ट्रेलिया में खेल चुके गार्सिया अच्छी तरह जानते हैं कि गर्म और आर्द्र परिस्थितियाँ खिलाड़ियों के लिए अच्छी नहीं होतीं और इस स्थिति में खिलाड़ी अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। 43 वर्षीय गार्सिया मानते हैं कि स्टेडियम के अंदर की क्वालिटी से खिलाड़ी के खेल की क्वालिटी भी बढ़ेगी।

गार्सिया ने कहा, “विश्व कप नवंबर में खेला जाने वाला है। इसलिए बाहर का तापमान भी इतना अधिक नहीं होगा। लेकिन आपको खिलाड़ियों को सही परिस्थितियां देने की जरूरत होती है। तभी आप दर्शकों को उस स्तर का खेल दिखा सकते हैं जिसके वे हकदार हैं। और यही होना भी चाहिए।”
 

स्पेन की 2006 विश्व कप टीम का हिस्सा रहे गार्सिया ने भी महसूस किया कि फीफा को गैर-पारंपरिक देशों को विश्व कप की मेजबानी का अधिकार देना चाहिए क्योंकि यह फुटबॉल की लोकप्रियता बढ़ाने और अगली पीढ़ी को प्रेरित करने का एक बेहतरीन तरीका होगा। गार्सिया को लगता है कि कतर में विश्व कप के आयोजन से इस क्षेत्र में फुटबाल के विकास में काफी मदद मिलेगी।