सबकी पसंद स्प्रिच्युअल ज्वेलरी
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डॉ. सीमा शाहजी 60
और 70 के दशक में रामनामी या ॐ लिखे ढीले-ढीले कुर्तों और शर्ट्स में या तो साधु दिखते थे या फिर हिप्पी। आज आपको न केवल राम या ॐ लिखे बल्कि कृष्ण और काली माता के चित्र बने टी शर्ट्स, अँगूठी और मालाएँ पहने बॉलीवुड, बल्कि हॉलीवुड स्टार्स तक दिख जाएँगे। ये हैं स्प्रिच्युअल ज्वेलरी का नया शौक जिसे फैशन जगत ने भी खूब बढ़ावा दिया है। इसलिए ये यूथ के लिए भी हॉट ट्रेंड बन गया है। फिर चाहे वो ईशा देओल की पीठ पर गुदा गायत्री मंत्र हो या किसी अन्य देशी-विदेशी हीरो के गले में झूलती रुद्राक्ष की लंबी-सी माला। भई, ये फैशन के साथ मन की शांति पाने का भी तरीका है।आध्यात्मिक ज्वेलरी पहनना आज का अंतरराष्ट्रीय ट्रेंड बन गया है। पॉप सिंगर मेडोना रोजाना योग करती हैं और हीरों से जड़ा ओम लिखा पेंडेंट गले में पहनती हैं। इसी तरह एंजेलिना जोली प्राचीन कम्बोडियाई भक्ति गीतों पर आधारित पारंपरिक टैटू अपने बाएँ कंधे पर बनवाती हैं। वे मानती हैं कि ये टैटू उनकी मुश्किल के समय में मदद करते हैं। अपने देश की बात करें तो अभिनेत्री काजोल रत्नजड़ित ॐ की अँगूठी पहनती हैं। सुपर स्टार अमिताभ बच्चन भी इसी चलन से अछूते नहीं हैं। वे भी विभिन्न ग्रहों की शांति के लिए बहुमूल्य रत्नों की कई अँगूठियाँ पहनते हैं। बालाजी टेलीफिल्मस की एकता कपूर भी इस तरह की अँगूठियाँ काफी पहनती हैं। ये चलन केवल सेलिब्रिटीज तक ही सीमित नहीं हैं, युवा भी इनके दीवाने हैं। इसी तरह के आध्यात्मिक आभूषणों की डिजाइनर अभिलाषा कालरा कहती हैं कि आध्यात्मिक आभूषणों के प्रति बढ़ते क्रेज के पीछे दो मुख्य कारण हैं। पहला हमारी युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय हस्तियों का अनुसरण करना बहुत अच्छा लगता है और इन हस्तियों का विश्वास है कि गले में ॐ, त्रिशूल जैसे धार्मिक प्रतीक धारण करने से उनके जीवन में शांति बनी रहती है। वे मानती हैं कि ॐ को आध्यात्मिक प्रतीक के रूप में वैश्विक पहचान मिली है। पूरी दुनिया में लोग इसे धार्मिक प्रतीक के रूप में धारण कर रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए येआध्यात्मिक आभूषण स्टाइल स्टेटमेंट सरीखे हो गए हैं। अभिलाषा ने अपनी नई रेंज 'ईशासत्वा' में इस तरह धार्मिक प्रतीकों वाले कई ऐसे आभूषण तैयार किए हैं जो स्त्री व पुरुष दोनों, भारतीय या पश्चिमी शैली के कपड़ों के साथ पहन सकते हैं। ऐसे आभूषणों की लोकप्रियता बढ़ने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि आज अध्यात्म जीवन की हर परेशानी का इलाज माना जाने लगा है। फिर चाहे वह गलाकाट प्रतिस्पर्धा से निपटने की बात हो या पूरे रिश्ते को जोड़ने का मामला हो। अभिलाषा की तरह ही कई डिजाइनर्स आध्यात्मिक आभूषणों की इस लोकप्रियता को भुनाने के लिए ऐसे आभूषण डिजाइन कर रहे हैं। भारत में यह काम रीव्स और इंटरगोल्ड जैसी कंपनियाँ कर रही हैं। इस श्रृंखला में भगवान गणेश के विभिन्न रूप प्रदर्शित किए गए हैं। स्विट्जरलैंडकी एक कंपनी तो गणेश, लक्ष्मी और अन्य देवी-देवताओं के स्वर्ण चित्र लेकर आई है। इंटर गोल्ड कंपनी की स्वयंभू श्रृंखला के तहत रुद्राक्ष के साथ हीरे और अन्य बहुमूल्य रत्न जोड़कर ऐसे आभूषण तैयार किए गए हैं। इन आभूषणों को बनाने वाले मानते हैं कि इनसे युवा पीढ़ी अपने धर्म और जड़ों के करीब आती हैं।