पुरानी फिल्मों में हमने वैजयंतीमाला या हेमामालिनी को आँखों पर बड़े फ्रेम के चश्मे चढ़ाए देखा ही है। वही फैशन अब वापस लौट आया है। साथ ही बेहद चौड़े पट्टे वाली 'रिस्टवॉच' तथा बड़े बैग्स भी अब चलन में हैं। यानी 'बड़ा है तो बेहतर है' वाला फंडा हिट हो रहा है।
बिग एसेसरीज पश्चिम में हमेशा से चलन में रही है। यहाँ कामकाजी युवतियों को अपने ऑफिस ले जाने वाले बैग में पूरे दिन की जरूरत का सामान रखने की आवश्यकता होती है, जिसकी वजह से बड़े बैग रखना उनके लिए जरूरत के साथ-साथ लाइफ स्टाइल का एक अहम हिस्सा बन चुका है।
यह तो सभी जानते हैं कि फैशन हमेशा लाइफ स्टाइल से पैदा होता है। पश्चिम में कामकाजी युवतियाँ काम के बाद पार्टी लाइफ के लिए स्वयं को तैयार करने के लिए अपनी एक पूरी दुनिया को अपने बैग में समेटे रहती हैं। हाँ, लेकिन बड़ी एसेसरीज का इस्तेमाल करने से पहले किसी के लिए भी इस बात को समझना जरूरी है कि उस पर क्या चीज कितनी ग्लैमरस लगती है। फैशन गुरु मानते हैं कि छोटे चेहरे वाली युवतियों पर बड़ी एसेसरीज अच्छी लगती है। लेकिन जिनका चेहरा ज्यादा चौड़ा है, उन पर भी यह अच्छी लगती है।
इसके अलावा बड़ी एसेसरीज का इस्तेमाल कब, किस मौके पर करना चाहिए यह भी महत्वपूर्ण है।
बड़ी एसेसरीज को केजुअल ड्रेसिंग के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। चूँकि एक साथ कई बड़ी एसेसरीज दिखने में ऑड लुक देती हैं इसलिए इसका इस्तेमाल कम होना चाहिए। इसके अलावा युवतियों को ग्लैमरस लगने के लिए बिग एसेसरीज का इस्तेमाल कॉलर बॉन्स, रिस्ट, वेस्ट जैसे फोकल प्वाइंट्स पर करना चाहिए। बड़ी एसेसरीज को चतुराई से कितनी मात्रा में इस्तेमाल करना है इसका भी ज्ञान होना जरूरी है। रचनात्मक कार्य करने वालों पर इस तरह की एसेसरीज अच्छी लगती हैं। इसके विपरीत कॉर्पोरेट जगत में बड़े बैग या फिर बड़ी कलाई घड़ी, ग्लैमरस, मॉड दिखने के लिए पर्याप्त है। इससे ज्यादा एसेसरी बुरी लगेगी।
पहले जहाँ कपड़ों पर मेटल का इस्तेमाल होता था, अब स्टोन या बीड वर्क ज्यादा पसंद किया जाता है। अगर मेटल भी इस्तेमाल किया जाता है तो वह ज्यादा शोख रंगों के बजाय स्मोक्ड सिल्वर या धूमिल गोल्ड इस्तेमाल होता है। हमारे देश में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रैम्प्स पर बड़े, स्टोन्स नैक पीसिज में, ब्रेसलेट में या बड़े बैग में इस्तेमाल किए जाते हैं। इन बड़े स्टोन्स को ड्रेसेज में भी फोकल प्वाइंट को उभारने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। जहाँ तक बैग्स में स्टोन्स के इस्तेमाल का सवाल है तो इसे कैनवास या लेदर में इस्तेमाल किया जाता है। इससे बैग की लुक बेहद खूबसूरत लगती है।
फैशन गुरुओं की मानें तो आजकल बड़ी एसेसरीज एकाएक सबका ध्यान अपनी ओर खींच रही है। ट्रैंडी, सेक्सी आउटफिट के साथ इनका
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बखूबी इस्तेमाल किया जा सकता है। मसलन लो-वेस्ट जीन्स के साथ बड़ी चौड़ी बैल्ट कमर को ग्लैमरस लुक देती है। यह जरूरी नहीं कि बड़ी एसेसरीज के लिए बड़े ब्रांड नेम के ही लिए जाएँ। कॉलेज में पढ़ने वाली युवतियों के लिए बाजार में तरह-तरह के सस्ते विकल्प मौजूद हैं। बीड्स नेकलेस बनाने के लिए खुले रंग-बिरंगे बीड्स लेकर स्वयं उन्हें पिरोकर अपनी आउटफिट के साथ मैच करके पहना जा सकता हैया फिर एक बड़ा बीड एक धागे में पिरोकर गले में पहना जाए तो भी यह फंकी लुक होता है। बड़ी एसेसरीज के साथ जरूरी नहीं कि परंपरागत आउटफिट्स पहने जाएँ। युवतियों को ट्रेंड के अनुरूप आउटफिट का चुनाव करना चाहिए। अपनी मैच्योर, अर्बन, वुमैन स्टाइल को कभी न भूलें। बड़ी एसेसरीज का इस्तेमाल करें, लेकिन अपनी सोबर और ट्रेंडी लुक को बरकरार रखते हुए स्टाइलिश होकर ग्लैमरस दिखें।
बड़ी एसेसरीज के बारे में रखें कुछ बातों का ख्याल
* पर्सनल स्टाइल के सबसे अधिक मायने हैं। सेक्सी, ग्लैमरस लुक वाली युवतियों पर तो बड़ी एसेसरीज अच्छी ही लगती है।
* याद रखें दिन और रात के समय पहने जाने वाली एसेसरीज में काफी अंतर होता है। रात के समय चमकदार चीजें सुंदर लगती हैं। पार्टी वियर में ज्यादा ड्रेसी इयरिंग्स अच्छी लगती है।
* रात के समय सिल्वर या अलग शेड्स में शाइन करने वाले बेल्ट्स पहने जा सकते हैं।
* बड़ी एसेसरीज के साथ कुछ छोटे आउटफिट आपको कांप्लीमेंट्स दिला सकते हैं।
* दिन के समय कैजुअल एसेसरीज ज्यादा सोबर लुक देती है।