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Written By ND

पर्स भी है फैशन का एक हिस्सा!

पर्स भी है फैशन का एक हिस्सा! -
- किरण बाला

पर्स, आधुनिक नारी की एक अनिवार्यता है। स्कूल, कॉलेज में पढ़ने वाली बालाएँ हों अथवा कामकाजी महिलाएँ, अथवा सामान्य गृहिणियाँ, सभी के लिए उपयोगी होते हैं ये पर्स और इस उपयोगी वस्तु को ढंग से 'कैरी' किया जाए तो यह व्यक्तित्व को आकर्षक भी बनाता है।

पर्स के रंग का चयन बहुत मायने रखता है। यदि आप डॉक्टर, प्रोफेसर, उच्च अधिकारी हैं, तो हल्के कलर वाले सौम्य, सुंदर पर्स खरीदना चाहिए। यदि आप कॉलेज में पढ़ती हैं, तो तड़क-भड़क और तेज कलर वाले पर्स खरीदे जा सकते हैं। यदि आप दुल्हन बन रही हैं या नवविवाहिता हैं तो लाल रंग का पर्स आपके साथ फबेगा। उम्र के हिसाब से भी पर्स का रंग मेल खाना चाहिए। अधिक उम्र की महिलाओं को हल्के रंग वाला पर्स खरीदना चाहिए।

यदि आपके पास एक से अधिक पर्स हैं तो आप पोशाकों के मान से उनका चयन कर सकती हैं। पोशाकों से मेल खाते रंग के पर्स से व्यक्तित्व में निखार आता है। वैसे काले, भूरे, बैंगनी आदि रंग हर पोशाक के साथ चल सकते हैं।

पर्स में क्षमता से ज्यादा चीजें न ठूसें। अन्यथा वह भद्दा लगेगा और कटने-फटने की आशंका भी रहेगी। यदि आपको हमेशा ही ज्यादा सामग्री साथ रखकर चलना होता है तो बेहतर होगा कि बड़े पर्स का इस्तेमाल करें।

पर्स का चयन अवसर विशेष को ध्यान में रखकर भी करना चाहिए। शादी की पार्टी, जन्मदिन आदि अवसरों पर खूबसूरत, आकर्षक व कीमती पर्स ले जाए जा सकते हैं। 'पार्टी पर्स' आप पार्टी के लिए अलग ही रख सकती हैं। जबकि बाजार में सामान्य खरीददारी करते समय, स्कूल, कॉलेज या दफ्तर जाते समय सामान्य किस्म के पर्सों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

कामकाजी महिलाओं को चूँकि छः-आठ घंटे दफ्तर में गुजारने होते हैं, अतः इस अवधि में उन्हें कई वस्तुओं की जरूरत पड़ सकती है। अतः उन्हें आकार में बड़ा पर्स लेना चाहिए। जिसमें सामान रखने की पर्याप्त जगह हो। आमतौर पर कामकाजी महिलाएँ अपने पर्स में पैसों के अतिरिक्त काँच, कँघा, लिपिस्टिक, चाबी का गुच्छा, रूमाल, पाउडर, सेफ्टीपिन, पेन, जरूरी कागजात, टेलीफोन, बिजली के बिल आदि रखती हैं। इन सबको व्यवस्थित रखने के लिए उसमें व्यवस्था होनी चाहिए। आजकल ऐसे पर्स भी बाजार में मिलते हैं जिनमें सेल्यूलर फोन रखने के लिए एक खाना विशेष तौर पर बना होता है।

पर्स कई तरह के आते हैं। जैसे लटकाने वाले, हाथ में रखने वाले आदि। इसी प्रकार कुछ रेक्जीन से बने होते हैं, तो कुछ चमड़े से। रेक्जीन में भी कई क्वालिटी आती है। सस्ते रेक्जीन के पर्स जल्दी कट-फट जाते हैं और मुलायम रेक्जीन के पर्स टिकाऊ होते हैं। चमड़े के पर्स काफी मजबूत होते हैं। जिन्हें अपने पर्स का रोजाना इस्तेमाल करना होता है, उन्हें मजबूत पर्स लेना चाहिए। लटकाने वाले पर्स के बेल्ट मजबूत होने चाहिए ताकि कँधे पर लटका पर्स न गिरे। पर्स में ज्यादा भारी सामान भरकर लटकाने से भी बेल्ट टूट जाते हैं, अतः इन सब बातों का ध्यान रखना चाहिए।

कामकाजी महिलाओं के लिए लटकाने वाला पर्स ही ठीक रहता है। बहुत-सी महिलाएँ अपने पर्स में ऊन के बड़े-बड़े गोले, अधबुना स्वेटर आदि रखती है, जो कि ठीक नहीं है। पर्स में इतनी क्षमता नहीं होती। पर्स में पसीने एवं धूल आदि लगने से वे गंदे भी हो जाते हैं, अतः उनकी सफाई पर ध्यान देना चाहिए। रेक्जीन के पर्स को साबुन पानी के घोल से साफ किया जा सकता है, लेकिन चमड़े के पर्स पर भूलकर भी पानी नहीं लगने दें, अन्यथा वह किसी काम का नहीं रहेगा।

अपने पर्स में अपने नाम, पते एवं टेलीफोन नंबर की एक पर्ची अवश्य रखिए ताकि पर्स कहीं खो जाने पर यदि वह किसी ईमानदार व्यक्ति के हाथ लग जाए तो वह आप तक पहुँचा सके।