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Last Modified: रविवार, 28 नवंबर 2021 (21:33 IST)

राकेश टिकैत ने मोदी सरकार को फिर दी धमकी, MSP पर कानून बनाएं वरना...

राकेश टिकैत ने मोदी सरकार को फिर दी धमकी, MSP पर कानून बनाएं वरना... - rakesh tikait says govt bring law on msp otherwise january 26 is not far
मुंबई। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर तीनों कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार को 26 जनवरी पर ट्रैक्टर रैली निकालने की चेतावनी दी है। महाराष्ट्र पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों ने एक साल बहुत झेल लिया। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बना दे नहीं तो हम वहीं के वहीं हैं। 26 जनवरी दूर नहीं है और देश के 4 लाख ट्रैक्टर भी यहीं हैं और देश का किसान भी यहीं है।
 
कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून की मांग करते हुए राकेश टिकैत ने सख्त लहजे में कहा कि 26 जनवरी दूर नहीं है और 4 लाख ट्रैक्टर और किसान तैयार हैं। 
 
पिछले साल हुई थी हिंसा : पिछले साल 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान राजधानी दिल्ली में हिंसा हुई थी और बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी लाल किले में दाखिल हो गए थे। राकेश टिकैत ने रविवार को मांग की कि केंद्र देश में किसानों के हितों की रक्षा के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए एक कानून लाये।
मोदी थे एमएसपी के समर्थक : राकेश टिकैत ने मांग की कि केंद्र देश में किसानों के हितों की रक्षा के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए एक कानून लाए। मुंबई में संयुक्त शेतकरी कामगार मोर्चा (एसएसकेएम) के बैनर तले आजाद मैदान में आयोजित ‘किसान महापंचायत’ में हिस्सा लेने आए टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एमएसपी के समर्थक थे, जब वे गुजरात मुख्यमंत्री थे और वह किसानों के हितों की गारंटी सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी कानून चाहते थे। उन्होंने मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर इस मुद्दे पर बहस से भागने का आरोप लगाया।
 
उन्होंने कहा कि केंद्र को किसानों को एमएसपी की गारंटी देने के लिए एक कानून लाना चाहिए। कृषि और श्रम क्षेत्रों से जुड़े कई मुद्दे हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है और हम उन्हें उजागर करने के लिए पूरे देश में यात्रा करेंगे।
 
टिकैत ने यह भी मांग की कि केंद्र के तीन कृषि विपणन कानूनों के खिलाफ साल भर के विरोध प्रदर्शन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को वित्तीय सहायता दी जाए। इस महीने की शुरुआत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के सरकार के फैसले की घोषणा की थी, जो किसानों के विरोध के केंद्र में थे।
 
कई किसान तीन कृषि कानूनों- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020- के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर नवंबर 2020 से ही प्रदर्शन कर रहे हैं।
केंद्र ने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ कई दौर की बातचीत की थी। उसका कहना था कि कानून किसानों के हित में हैं, जबकि प्रदर्शनकारियों का दावा था कि कानूनों के कारण उन्हें कॉर्पोरेट घरानों की दया पर छोड़ दिया जाएगा।
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