गुरुवार, 21 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. किसान आंदोलन
  4. farmers protest news update farmer leaders demand ordinance on msp
Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 19 फ़रवरी 2024 (18:35 IST)

Kisan Andolan : MSP पर अड़े किसान, चौथे दौर की मीटिंग फेल, सरकार को 21 फरवरी तक का अल्टीमेटम, ठुकराया प्रस्ताव

जनता के सामने स्वीकारें पीएम मोदी

Kisan Andolan :  MSP पर अड़े किसान, चौथे दौर की मीटिंग फेल, सरकार को 21 फरवरी तक का अल्टीमेटम, ठुकराया प्रस्ताव - farmers protest news update farmer leaders demand ordinance on msp
farmers Protest News : किसान नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्रियों की चौथे दौर की बातचीत भी सफल नहीं रही। रविवार को देर रात तक यह बैठक हुई। किसान नेता एमएसपी (MSP) की मांग पर अड़े रहे। किसान मोर्चा ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। किसान नेता एमएसपी पर अध्यादेश लाने पर अड़े रहे।
 
किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसान संगठनों की बातचीत फिर बेनतीजा रही। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। किसानों का एमएसपी पर गारंटी को लेकर अड़े हुए हैं।

पीएम मोदी से सवाल : किसान मोर्चा ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने 2006 में अपनी रिपोर्ट में केंद्र सरकार को C2+50% के आधार पर एमएसपी देने का सुझाव दिया था। बयान में कहा गया है कि इसी के आधार पर तमाम फसलों पर वह एमएसपी की गारंटी चाहते हैं। इसके जरिए किसान अपनी फसल एक फिक्स्ड कीमत पर बेच सकेंगे और उन्हें नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। मोर्चा ने कहा कि अगर मोदी सरकार वादे को लागू नहीं कर पा रही है तो प्रधानमंत्री ईमानदारी से जनता को बताएं।
प्रस्ताव को ठुकराया : संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के एमएसपी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। केंद्र सरकार की तरफ से कथित रूप से एमएसपी पर पांच साल के कॉन्ट्रेक्ट का प्रस्ताव दिया गया है। किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि C2+50% से नीचे कुछ भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।  
 
21 फरवरी तक का अल्टीमेटम : किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार के पास 21 फरवरी तक का समय है। सरकार को सोचना और समझना चाहिए कि ये दो चीजें (तिलहन और बाजरा) (खरीद के लिए) बहुत महत्वपूर्ण हैं। जैसे उन्होंने दालों, मक्का और कपास का उल्लेख किया, उन्हें इन दोनों फसलों को भी शामिल करना चाहिए। 

ये थीं मांगें : एसकेएम ने केंद्रीय मंत्रियों से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि मोदी सरकार ऋण माफी, बिजली का निजीकरण नहीं करने, सार्वजनिक क्षेत्र की फसल बीमा योजना, 60 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को 10000 रुपए मासिक पेंशन, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की भी मांग की है।
 
अगर इन दोनों को शामिल नहीं किया गया तो हमें इस बारे में फिर से सोचना होगा...कल हमने फैसला लिया कि अगर 21 फरवरी तक सरकार नहीं मानी तो हरियाणा भी आंदोलन में शामिल होगा। 
 
क्या बोले केंद्रीय मंत्री : केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से नहीं चल रहा है। किसान आंदोलन पंजाब से चल रहा है। 22 चीजों पर MSP पहले से ही लागू है। सभी चीजों पर MSP लागू करने से पहले सोचना पड़ता है...किसान सम्मान निधि और सब्सिडी मिला ली जाए तो रक्षा बजट से ज्यादा पैसा इसमें दिया जाता है। वेबदुनिया न्यूज  Edited By : Sudhir Sharma
ये भी पढ़ें
बड़ा सवाल, ब्लैक होल पहले बने थे या आकाशगंगाएं?