सरकार डेढ़ साल तक कृषि कानून लागू नहीं करने को तैयार, किसान बोले- 22 जनवरी को देंगे जवाब
नई दिल्ली। सरकार और किसान यूनियन के बीच 10वें दौर की बातचीत हुई। बातचीत के बाद कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय के लिए कृषि सुधार क़ानूनों को स्थगित किया है। सरकार 1-1.5 साल तक भी क़ानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने के लिए तैयार है।
इस दौरान किसान यूनियन और सरकार बात करें और समाधान ढूंढे। तोमर ने कहा कि आज हमारी कोशिश थी कि कोई निर्णय हो जाए। किसान यूनियन कानून वापसी की मांग पर थी और सरकार खुले मन से क़ानून के प्रावधान के अनुसार विचार करने और संशोधन करने के लिए तैयार थी।
किसान संगठनों और सरकार के बीच कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर बुधवार को हुई यहां बैठक में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इन कानूनों को एक निश्चित समय सीमा तक स्थगित करने तथा इस दौरान एक समिति के माध्यम से समस्याओं का समाधान करने का प्रस्ताव दिया।
लगभग साढ़े पांच घंटे तक चली इस बैठक में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे। 10वें दौर की इस बैठक के किसान नेताओं ने कहा कि वे कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने की मांग पर अडिग हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच अगली बैठक 22 जनवरी को होगी।
बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि बैठक में 3 कानूनों और MSP पर बात हुई। सरकार ने कहा कि हम 3 कानूनों का एफिडेविट बनाकर सुप्रीम कोर्ट को देंगे और हम 1-1.5 साल के लिए रोक लगा देंगे। एक कमेटी बनेगी जो 3 क़ानूनों और MSP का भविष्य तय करेगी। हमने कहा कि हम इस पर विचार करेंगे।