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Last Modified: सोमवार, 21 दिसंबर 2020 (00:10 IST)

केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया, तारीख तय करने के लिए लिखा पत्र

केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया, तारीख तय करने के लिए लिखा पत्र - Centre invites unions for talks again, asks them to fix date according to their convenience
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने रविवार को 3 कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है और कहा है कि वे इसकी तिथि तय करें। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने इस संदर्भ में किसानों के संगठनों को एक पत्र लिखा है।
उल्लेखनीय है कि किसानों से वार्ता के लिए केंद्र सरकार ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में मंत्रिस्तरीय एक समिति गठित की थी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश इसके सदस्य हैं।
 
सरकार से किसानों की अब तक पांच दौर की वार्ता हो चुकी है जो विफल रही है। किसानों के संगठनों की एक बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी बैठक हो चुकी है, लेकिन उसका नतीजा भी शून्य रहा है। नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान डटे हुए हैं। 
क्रमिक भूख हड़ताल का ऐलान : किसान यूनियनों ने रविवार को घोषणा की कि वे यहां सभी प्रदर्शन स्थलों पर सोमवार को एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे तथा 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं करने देंगे। पंजाब और हरियाणा के किसानों ने रविवार को श्रद्धांजलि दिवस भी मनाया और उन किसानों को श्रद्धांजलि दी जिनकी मौत जारी आंदोलन के दौरान हुई है।
 
किसान संगठनों ने दावा किया है कि आंदोलन में शामिल 30 से अधिक किसानों की दिल का दौरा पड़ने और सड़क दुर्घटना जैसे विभिन्न कारणों से मौत हुई है। किसानों ने कुछ स्थानों पर ‘अरदास’ भी की।
स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने सिंघू बॉर्डर पर कहा कि सोमवार को किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ सभी प्रदर्शन स्थलों पर एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे। इसकी शुरुआत सिंघू बॉर्डर समेत यहां प्रदर्शन स्थलों पर 11 सदस्यों का एक दल करेगा।

उन्होंने कहा कि हम देशभर में सभी प्रदर्शन स्थलों पर मौजूद सभी लोगों से इसमें भाग लेने की अपील करते हैं। यादव ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को हरियाणा सरकार द्वारा धमकाया जा रहा है।

यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के विरुद्ध है। मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि कल से किसानों को परेशान करना बंद किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि किसान आंदोलन को ‘बिना अवरोध के’ चलने देना चाहिए और यह अदालत इसमें दखल नहीं देगी क्योंकि प्रदर्शन का अधिकार मौलिक अधिकार है।
 
मन की बात के दौरान बजाएं थाली : किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाला ने बताया कि किसान 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं करने देंगे।  रतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी टोल बूथ पर हम टोल वसूली नहीं होने देंगे, हम उन्हें ऐसा करने से रोकेंगे।
27 दिसंबर को हमारे प्रधानमंत्री अपने ‘मन की बात’ करेंगे और हम लोगों से अपील करना चाहते हैं कि उनके भाषण के दौरान ‘थालियां’ बजाएं। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाएंगे। उन्होंने कहा कि हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि इस दिन वे दोपहर का भोजन न पकाएं। ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने अनेक व्यापारी संगठनों को पत्र लिखकर उनसे किसानों के आंदोलन को समर्थन देने का अनुरोध किया है। 
 
विदेशी दान की जानकारी : कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पंजाब के सबसे बड़े किसान संगठनों में से एक भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्राहां) ने रविवार को कहा कि एक केंद्रीय एजेंसी ने उससे उसकी पंजीकरण की जानकारी जमा करने को कहा है, जो उसे विदेशी धनराशि प्राप्त करने की इजाजत देती है।
 
बीकेयू (एकता-उग्राहां) के अध्यक्ष जोगिंदर उग्राहां और इसके महासचिव सुखदेव सिंह ने केंद्र सरकार की मांग के बारे में खुलासा किया और आरोप लगाया कि ‘केंद्र सभी रणनीति का उपयोग कर रहा है क्योंकि उनका एकमात्र उद्देश्य आंदोलन को विफल करना है।’विदेशी अंशदान (नियमन) कानून (एफसीआरए) विदेशी निधि प्राप्त करने वाले किसी भी संगठन के लिए पंजीकरण अनिवार्य करता है।
 
सुखदेव सिंह ने कहा कि केंद्र के तहत आने वाले एक विभाग ने एक ई-मेल भेजा है, जो हमें पंजाब में हमारे बैंक की शाखा के माध्यम से प्राप्त हुआ है। ई-मेल में कहा गया है कि हमें विदेशों से मिले दान के संबंध में पंजीकरण विवरण देना चाहिए, अन्यथा इसे वापस भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैंक प्रबंधक ने मुझे वह ई-मेल दिखाया जो विदेशी मुद्रा विभाग द्वारा भेजा गया है।
 
केंद्र की मांग के समय पर सवाल उठाते हुए, सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन केंद्र के खिलाफ है और वे वह सभी बाधाएं उत्पन्न करने की कोशिश करेंगे, जो वे कर सकते हैं। वे सभी हथकंडों का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि उनका एकमात्र उद्देश्य आंदोलन को विफल करना है।  यह पूछे जाने पर कि हाल ही में उन्हें विदेश से कितनी राशि मिली है, सिंह ने कहा कि हम अभी तक सटीक राशि की गणना नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि उनका संगठन अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट या किसी वकील से परामर्श करेगा।
 
उग्राहां ने कहा कि आयकर विभाग ने सबसे पहले आढ़तियों पर छापे मारे क्योंकि वे किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। अब, चूंकि हमारा संगठन बड़ा है, केंद्र हमें निशाना बना रहा है। बीकेयू (एकता-उग्राहां) प्रमुख ने कहा कि वे एनआरआई राशि का विवरण पूछ रहे हैं।

पंजाब के एनआरआई अपनी मेहनत से कमाए गए पैसों से हमें मदद करते हैं। वे हमारे आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं, इसमें समस्या क्या है? यहां भी लोग हमारा समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन केंद्र हमें निशाना बना रहा है क्योंकि उनका एकमात्र उद्देश्य आंदोलन को विफल करना है।  (भाषा)
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