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Written By हिमा अग्रवाल
Last Updated : बुधवार, 30 जून 2021 (19:55 IST)

गाजीपुर बॉर्डर पर बवाल, भाजपाई और किसान भिड़े, दोनों पक्षों ने लगाए एक-दूसरे पर आरोप

गाजीपुर बॉर्डर पर बवाल, भाजपाई और किसान भिड़े, दोनों पक्षों ने लगाए एक-दूसरे पर आरोप | Ghazipur Border
तीन कृषि कानून के विरोध में किसान अभी तक दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। आज सुबह गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 7 महीनों से आंदोलनकारी किसान और भाजपा कार्यकर्ताओं की झड़प हो गई। दोनों तरफ से जमकर धक्का-मुक्की और हंगामा हुआ। भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि झड़प के समय भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता यूपी गेट पर मौजूद थे। इस हंगामे में किसानों के साथ भाजपा कार्यकर्ता भी घायल होने की सूचना है।

 
भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश मंत्री अमित वाल्मीकि नियुक्त हुए हैं। वह पदभार संभालने के बाद आज दिल्ली से अपने गृह जनपद बुलंदशहर जा रहे थे। रास्ते में उनका स्वागत करने के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर भाजपा के कार्यकर्ता खड़े हुए थे। जैसे ही दिल्ली से गाजियाबाद वाली लेन पर अमित वाल्मीकि के वाहनों का काफिला किसानों के मंच के सामने ढोल-नगाड़े बजाते हुए पहुंचा, तो किसानों और भाजपाइयों में कहा-सुनी हो गई।
 
किसानों का आरोप है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें अपशब्द बोले और काले झंडे दिखाए। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके साथ भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की मौजूदगी में किसानों ने अपशब्द बोलते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने कुछ गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की है। इस झड़प पर दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं।

 
भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस से किसानों के खिलाफ शिकायत दी है और उनसे जान का खतरा बताया है। वहीं भारतीय किसान यूनियन भी पुलिस से शिकायत की बात कह रही है। इस प्रकरण पर राकेश टिकैत का कहना है कि भाजपा के कार्यकर्ता जबरन मंच पर कब्जा करना चाहते थे। ये लोग पिछले कुछ दिनों से धरनास्थल पर आकर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
 
राकेश टिकैत अपने चिर-परिचित अंदाज में भाजपा कार्यकर्ताओं को चेताते हुए बोले कि पूरे प्रदेश के अंदर और गांवों में भाजपा के झंडे लगी गाड़ियों को आने नहीं देंगे। टिकैत बोले कि यदि किसानों का मंच इन लोगों को इतना पसंद है तो पार्टी को छोड़कर हमारे किसान संगठन में शामिल हो जाएं, हम उनका स्वागत करेंगे। साथ ही टिकैत ने हंगामा और मारपीट करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग उठाई है।
 
किसान मोर्चा के नेता जगतार सिंह बाजवा का कहना है कि ये सरकार की सोची-समझी रणनीति के तहत हुआ है। भारतीय जनता पार्टी आंदोलन को कुचलने के लिए इस तरह के षड्यंत्र कर रही है। पूर्व में भी इनके द्वारा इस तरह के कारनामे किए गए हैं, जो सफल नहीं हो सके हैं। किसान भी अपनी शिकायत पुलिस को देगा। दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो हम अपनी आगामी रणनीति तय करेंगे।
 
बुलंदशहर पहुंचकर भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश मंत्री अमित वाल्मीकि बोले कि मेरे स्वागत काफिले पर कांग्रेस के पूर्व में प्रत्याशी रह चुके राकेश टिकैत के इशारे पर हमला किया गया है। मैं दलित समाज से हूं इसलिए भाजपा ने मुझे सम्मान दिया है, जो इन लोगों को अच्छा नहीं लग रहा है। राकेश टिकैत की इस हिमाकत को दलित समाज किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। 
 
किसानों के हमले में हमारे 20 से कार्यकर्ता चोटिल हुए हैं। मेरी गाड़ी समेत दर्जनों गाड़ियों को किसानों ने अपना निशाना बनाते हुए नुकसान पहुंचाया है। यूपी-गाजीपुर बॉर्डर पर यह सब बवाल पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हुआ है। प्रश्न उठता है कि किसान इतने उग्र थे तो वहां मौजूद एलआईयू और सुरक्षाकर्मियों को पता क्यों नहीं चला? क्या किसानों के मन से पुलिस प्रशासन का खौफ निकल चुका है?